आपकी बदौलत ही तो,
मैंने खुद को संभाले रखा था पापा,
अब आपके बिना,
मैं कैसे खुद को संभाल पाउँगा।
आपकी हर डाट मुझे,
आज भी बखूभी याद हैं पापा,
बस आपसे एक बार और डाटे खाने के लिए,
मुझे आपका कई सालो से इंतज़ार हैं पापा।
ससुराल में जब भी पिता का जिक्र आता है,
बेटी का दिल भर आता है।
दूर रहकर भी एक-दूसरे की फिक्र,
कुछ ऐसा ही होता है बाप-बेटी का प्यार।
आप कि मुश्किलों का,
मुझे अब एहसास होता है,
दुनिया होती है मतलबी और,
घर का हर एक शक्श ख़ास होता है।
मेरी कामियाबी का राज़ हैं मेरे पापा,
आज वो मेरे साथ तो नहीं हैं लेकिन,
मेरे दिल के बहुत पास हैं मेरे पापा।
कभी रोटी तो कभी पानी है पिता,
कभी बुढ़ापा तो कभी जवानी है पिता,
माँ अगर है मासूम सी लोरी,
तो कभी ना भूल पाऊंगा वो कहानी है पिता।
बस यादों के सिवा कुछ बाकी नहीं,
वह आएंगे ना लौट कर यकीं है हमें,
उनकी यादें ही रह गई हैं अब सिमट कर,
ये महसूस कर आंसू यूं ही निकल आते हैं।
याद आपकी मुझे,
आज भी बहुत आती हैं पापा,
आपका आशीवार्द लेने के लिए,
आज भी मै बहुत तड़प रहा हूँ पापा।