ना रुक ना झुक, रख भरोसा बस चलता जा,
मंज़िल ना मिले तब तक बस बढ़ता जा।
वहम था मेरा,
जो तुम पर भरोसा किया,
लोगों ने तो सिर्फ दिल तोड़ा था,
तुमने तो मेरा रूह निचोड़ दिया।
एक बार फ़िर शक भरोसे से सबूत मांग रहा है,
हँस रही है क़िस्मत, फ़िर एक रिश्ता दफ़न हो रहा है।
सिखा दिया दुनिया ने मुझे अपनो पर भी शक करना,
मेरी फितरत में तो गैरों पर भी भरोसा करना था।
जो चाहे वो पा लेता है इंसान,
विश्वास में इतना दम होता है,
जो इंसान को ईश्वर देता है,
वो कभी भी कम नहीं होता हैं।
हर इक पल सामने मेरे तुम्हारा ही ये चेहरा हो,
तुम्हारी ही महक लाता हवाओं का ये पहरा हो,
तुम्हारे प्यार में पागल हुआ दिल कह रहा है अब,
तुम्हें मुझ पर भरोसा और गहरा और गहरा हो।
बेशक किसी को माफ बार-बार करो,
लेकिन भरोसा सिर्फ एक बार करो।
झड़ गए पत्ते उम्मीदों के सारे,
मग़र जड़ भरोसे की मजबूत बहुत है।
रोक लो नैनों को लकीरें भी बह जाएंगीं वरना,
आज रोक लो हमें, कल का भरोसा मत करना।
आजकल न जाने कब,
बदल जाए इंसान भरोसा नहीं,
कहते हैं जो भरोसा करो हम पर,
अक्सर भरोसा तोड़ते हैं वहीं।