बस यादों के सिवा कुछ बाकी नहीं,
वह आएंगे ना लौट कर यकीं है हमें,
उनकी यादें ही रह गई हैं अब सिमट कर,
ये महसूस कर आंसू यूं ही निकल आते हैं।
जिंदगी के इस मोड़ में, मैं बहुत भटक रहा हूँ,
पापा आप कहा हो,
आपका साथ पाने के लिए मैं बहुत तड़प रहा हूँ।
आपकी बदौलत ही तो,
मैंने खुद को संभाले रखा था पापा,
अब आपके बिना,
मैं कैसे खुद को संभाल पाउँगा।
जब तक पापा का साथ था,
तब तक हर गम मुझसे दूर था,
लेकिन जब से पापा का साथ छूटा हैं,
तब से हर गम मेरे करीब हैं।
कभी रोटी तो कभी पानी है पिता,
कभी बुढ़ापा तो कभी जवानी है पिता,
माँ अगर है मासूम सी लोरी,
तो कभी ना भूल पाऊंगा वो कहानी है पिता।
आपकी कमी खलती है मुझे,
ये खालीपन तड़पता है,
बस यूही यादे दिल मे समेटे,
मेरा वक़्त गुज़रता हैं।
बड़े नसीब वाले होते है वह,
जिनके सर पर पिता का हाथ होता हैं,
उनकी सारी ज़िद पूरी हो जाती हैं,
क्योकि उनके साथ पिता होता है।
ख्वाहिशें तो पहले बहुत थी मेरी,
लेकिन आपके जाने के बाद केवल आपसे,
एक बार मिलने की एक ही ख्वाहिश हैं मेरी।
आप कि मुश्किलों का,
मुझे अब एहसास होता है,
दुनिया होती है मतलबी और,
घर का हर एक शक्श ख़ास होता है।