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Home Bharosa Shayari Bharosa Shayari in Hindi - भरोसा शायरी इन हिंदी

भरोसा मत करना इस दुनिया के लोगो पर

भरोसा मत करना इस दुनिया के लोगो परभरोसा मत करना इस दुनिया के लोगो पर,
मुझे तबाह करने वाले मेरे बहुत अजीज थे।

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उनका भरोसा मत करो जिनका ख्याल वक्त के साथ बदल जाऐउनका भरोसा मत करो,
जिनका ख्याल वक्त के साथ बदल जाऐ,
भरोसा उनका करो जिनका ख्याल तब भी,
वैसा ही रहे जब आपका वक्त बदल जाऐ।

प्यार और भरोसा दो ऐसे पंछी हैंप्यार और भरोसा दो ऐसे पंछी हैं,
अगर इनमें से एक उड़ जाए तो,
दूसरा अपने आप उड़ जाता है।

जो चाहे वो पा लेता है इंसानजो चाहे वो पा लेता है इंसान,
विश्वास में इतना दम होता है,
जो इंसान को ईश्वर देता है,
वो कभी भी कम नहीं होता हैं।

सब पर भरोसा है पर कुछ नहीं हासिल हैसब पर भरोसा है, पर कुछ नहीं हासिल है,
जिस तरफ पीठ करो, वहीं खड़ा कातिल है।

रोक लो नैनों को लकीरें भी बह जाएंगीं वरनारोक लो नैनों को लकीरें भी बह जाएंगीं वरना,
आज रोक लो हमें, कल का भरोसा मत करना।

आज शाम हुई कल फिर सूरज निकलेगाआज शाम हुई कल फिर सूरज निकलेगा,
भरोसा रख अपने आप पर हर पल तू निखरेगा।

भरोसा खुद पर रखो तो ताकत बन जाती हैभरोसा खुद पर रखो तो ताकत बन जाती है,
और दूसरों पर रखो तो कमजोरी बन जाती है।

जब कोई आपसे अपनी हर बात शेयर करने लगता हैजब कोई आपसे अपनी,
हर बात शेयर करने लगता है,
तो समझ जाना की वो आप पर,
खुद से ज़्यादा भरोसा करता है।

मैंने तुम पर भरोसा किया पर तुमने मुझे धोखा दियामैंने तुम पर भरोसा किया,
पर तुमने मुझे धोखा दिया,
अब किसी और पे ना भरोसा होगा,
और ना किसी से दोबारा प्यार होगा।

कोई भरोसे के लिए रोता है कोई भरोसा करके रोता हैकोई भरोसे के लिए रोता है,
कोई भरोसा करके रोता है।

गिर पड़े उस पत्थर से टकरा कर ज़मीं पर हमगिर पड़े उस पत्थर से टकरा कर ज़मीं पर हम,
भरोसे की नीव कह जिसे कभी अपनों ने रखा था।

यूं तो हर गुनाह का कफ़ारा नहीं होतायूं तो हर गुनाह का कफ़ारा नहीं होता,
उठ जाए जो एक दफा भरोसा दुबारा नहीं होता।

नसीब से ज्यादा भरोसा किया था तुम परनसीब से ज्यादा भरोसा किया था तुम पर,
नसीब इतना नहीं बदला जितना तुम बदल गये।

भरोसे के बाज़ार में जिंदगी बेची थी मैंनेभरोसे के बाज़ार में जिंदगी बेची थी मैंने,
तब जा के कहीं पाया हैं ये लहेजा मैंने।

भरोसा कर लिया है मैंने तेरे झूठ पर भीभरोसा कर लिया है मैंने तेरे झूठ पर भी,
तुझे खुदा जो माना है।

अब इन लहरो पर क्या भरोसा करूंअब इन लहरो पर क्या भरोसा करूं,
जब वो मेरे विपरीत ही चल रही है,
मुझे तो इन हवाओं पर भरोसा है,
जो मेरे पतवार को सहारा दे रही है।

बहुत ख़ामोशी से टूट गया वो एक भरोसा जो उस पे थाबहुत ख़ामोशी से टूट गया,
वो एक भरोसा जो उस पे था।

क्यो भरोसा करू किसी और परक्यो भरोसा करू किसी और पर,
जब खुद की आंखे खुद को धोखा दे।

किसी पर इतना भरोसा रखो कि कोई उसे तोड़ ना पाएकिसी पर इतना भरोसा रखो,
कि कोई उसे तोड़ ना पाए,
चाहे कोई कितनी भी कोशिश कर ले,
रिश्तों का कुछ उखाड़ ना पाए।

उसकी हँसी पर क्या भरोसा करनाउसकी हँसी पर क्या भरोसा करना,
जो शख़्स खुलकर कभी रोया न हो।


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