अक्सर बुरी सीरतों की सूरतें भी हसीन हुआ करती हैं,
संभलना लोग भरोसे पर छुरी चलाते कतराते नहीं हैं।
बहुत ख़ामोशी से टूट गया,
वो एक भरोसा जो उस पे था।
आजकल न जाने कब,
बदल जाए इंसान भरोसा नहीं,
कहते हैं जो भरोसा करो हम पर,
अक्सर भरोसा तोड़ते हैं वहीं।
ना रुक ना झुक, रख भरोसा बस चलता जा,
मंज़िल ना मिले तब तक बस बढ़ता जा।
भरोसा तब नहीं टूटता जब कोई रूठ जाता है,
भरोसा तब टूटता है जब कोई दिल तोड़ जाता है।
अब ज़रा सा भी किसी पर भरोसा नही होता हैं,
और जब भी होता हैं दर्द बड़ा ही बेहद होता हैं।
प्यार में कोई तो दिल तोड़ देता है,
दोस्ती में कोई तो भरोसा तोड़ देता है,
ज़िंदगी जीना तो कोई ग़ुलाब से सीखे,
जो खुद टूट कर दो दिलों को जोड़ देता है।
झड़ गए पत्ते उम्मीदों के सारे,
मग़र जड़ भरोसे की मजबूत बहुत है।
यूं तो हर गुनाह का कफ़ारा नहीं होता,
उठ जाए जो एक दफा भरोसा दुबारा नहीं होता।
हर इक पल सामने मेरे तुम्हारा ही ये चेहरा हो,
तुम्हारी ही महक लाता हवाओं का ये पहरा हो,
तुम्हारे प्यार में पागल हुआ दिल कह रहा है अब,
तुम्हें मुझ पर भरोसा और गहरा और गहरा हो।