समुंदर की लहरों पर भरोसा कर बैठे,
कल वो डुबा कर हमें किनारा कर बैठे।
अब इन लहरो पर क्या भरोसा करूं,
जब वो मेरे विपरीत ही चल रही है,
मुझे तो इन हवाओं पर भरोसा है,
जो मेरे पतवार को सहारा दे रही है।
खुद में काबिलियत हो तो भरोसा कीजिये साहिब,
सहारे कितने भी अच्छे हो साथ छोड जाते है।
अक्सर बुरी सीरतों की सूरतें भी हसीन हुआ करती हैं,
संभलना लोग भरोसे पर छुरी चलाते कतराते नहीं हैं।
भरोसा खुद पर रखो तो ताकत बन जाती है,
और दूसरों पर रखो तो कमजोरी बन जाती है।
किसी पर इतना भरोसा रखो,
कि कोई उसे तोड़ ना पाए,
चाहे कोई कितनी भी कोशिश कर ले,
रिश्तों का कुछ उखाड़ ना पाए।
निगाहों में अभी तक दूसरा कोई चेहरा ही नहीं आया,
भरोसा ही कुछ ऐसा था तुम्हारे लौट आने का।
गिर पड़े उस पत्थर से टकरा कर ज़मीं पर हम,
भरोसे की नीव कह जिसे कभी अपनों ने रखा था।
हर इक पल सामने मेरे तुम्हारा ही ये चेहरा हो,
तुम्हारी ही महक लाता हवाओं का ये पहरा हो,
तुम्हारे प्यार में पागल हुआ दिल कह रहा है अब,
तुम्हें मुझ पर भरोसा और गहरा और गहरा हो।
रिश्ते दिल टूटने पर नहीं,
भरोसा टूटने पर बिखरते है।