क्यो भरोसा करू किसी और पर,
जब खुद की आंखे खुद को धोखा दे।
निगाहों में अभी तक दूसरा कोई चेहरा ही नहीं आया,
भरोसा ही कुछ ऐसा था तुम्हारे लौट आने का।
भरोसा रख मुहब्बत पर, मुहब्बत रंग लाएगी,
ज़माना हार जाएगा, मुहब्बत जीत जाएगी।
जो चाहे वो पा लेता है इंसान,
विश्वास में इतना दम होता है,
जो इंसान को ईश्वर देता है,
वो कभी भी कम नहीं होता हैं।
जब सब तोल रहे थे मुझे ना उम्मीदी के तराज़ू में,
एक वही तो था जिसने भरोसा जताया मुझ में।
हर इक पल सामने मेरे तुम्हारा ही ये चेहरा हो,
तुम्हारी ही महक लाता हवाओं का ये पहरा हो,
तुम्हारे प्यार में पागल हुआ दिल कह रहा है अब,
तुम्हें मुझ पर भरोसा और गहरा और गहरा हो।
एक बार फ़िर शक भरोसे से सबूत मांग रहा है,
हँस रही है क़िस्मत, फ़िर एक रिश्ता दफ़न हो रहा है।
खुद में काबिलियत हो तो भरोसा कीजिये साहिब,
सहारे कितने भी अच्छे हो साथ छोड जाते है।
जिंदगी की सबसे अनमोल चीज भरोसा,
जितनी आसानी से होता नहीं,
उतनी आसानी से टूट जरूर जाता है।