समुंदर की लहरों पर भरोसा कर बैठे,
कल वो डुबा कर हमें किनारा कर बैठे।
आज शाम हुई कल फिर सूरज निकलेगा,
भरोसा रख अपने आप पर हर पल तू निखरेगा।
मेरे दिल कि सरहद को पार न करना,
नाजुक है दिल मेरा वार न करना,
खुद से बढ़कर भरोसा है मुझे तुम पर,
इस भरोसे को तुम बेकार न करना।
एक बार फ़िर शक भरोसे से सबूत मांग रहा है,
हँस रही है क़िस्मत, फ़िर एक रिश्ता दफ़न हो रहा है।
मैंने तुम पर भरोसा किया,
पर तुमने मुझे धोखा दिया,
अब किसी और पे ना भरोसा होगा,
और ना किसी से दोबारा प्यार होगा।
उनका भरोसा मत करो,
जिनका ख्याल वक्त के साथ बदल जाऐ,
भरोसा उनका करो जिनका ख्याल तब भी,
वैसा ही रहे जब आपका वक्त बदल जाऐ।
अक्सर बुरी सीरतों की सूरतें भी हसीन हुआ करती हैं,
संभलना लोग भरोसे पर छुरी चलाते कतराते नहीं हैं।
मुझे खामोश देखकर इतना हैरान क्यों होते हो दोस्तों,
कुछ नहीं हुवा है बस भरोसा कर के धोखा खाया है।
प्यार में कोई तो दिल तोड़ देता है,
दोस्ती में कोई तो भरोसा तोड़ देता है,
ज़िंदगी जीना तो कोई ग़ुलाब से सीखे,
जो खुद टूट कर दो दिलों को जोड़ देता है।
हर इक पल सामने मेरे तुम्हारा ही ये चेहरा हो,
तुम्हारी ही महक लाता हवाओं का ये पहरा हो,
तुम्हारे प्यार में पागल हुआ दिल कह रहा है अब,
तुम्हें मुझ पर भरोसा और गहरा और गहरा हो।