जब सब तोल रहे थे मुझे ना उम्मीदी के तराज़ू में,
एक वही तो था जिसने भरोसा जताया मुझ में।
अब ज़रा सा भी किसी पर भरोसा नही होता हैं,
और जब भी होता हैं दर्द बड़ा ही बेहद होता हैं।
अक्सर बुरी सीरतों की सूरतें भी हसीन हुआ करती हैं,
संभलना लोग भरोसे पर छुरी चलाते कतराते नहीं हैं।
नसीब से ज्यादा भरोसा किया था तुम पर,
नसीब इतना नहीं बदला जितना तुम बदल गये।
सिखा दिया दुनिया ने मुझे अपनो पर भी शक करना,
मेरी फितरत में तो गैरों पर भी भरोसा करना था।
कोई भरोसे के लिए रोता है,
कोई भरोसा करके रोता है।
प्यार में कोई तो दिल तोड़ देता है,
दोस्ती में कोई तो भरोसा तोड़ देता है,
ज़िंदगी जीना तो कोई ग़ुलाब से सीखे,
जो खुद टूट कर दो दिलों को जोड़ देता है।
हर इक पल सामने मेरे तुम्हारा ही ये चेहरा हो,
तुम्हारी ही महक लाता हवाओं का ये पहरा हो,
तुम्हारे प्यार में पागल हुआ दिल कह रहा है अब,
तुम्हें मुझ पर भरोसा और गहरा और गहरा हो।
ना रुक ना झुक, रख भरोसा बस चलता जा,
मंज़िल ना मिले तब तक बस बढ़ता जा।
रिश्ते दिल टूटने पर नहीं,
भरोसा टूटने पर बिखरते है।