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Home Kisan Shayari Kisan Shayari in Hindi - किसान शायरी इन हिंदी

अपनी फसलों को आधे भाव में बेचकर भी

अपनी फसलों को आधे भाव में बेचकर भीअपनी फसलों को आधे भाव में बेचकर भी,
वो किसान हमेशा खुश रहता हैं।
क्योंकि उसे अपनी कमाई से ज्यादा,
दूसरों का पेट भरने में आनंद आता हैं।

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ग़रीब के बच्चे भी खाना खा सके त्योहारों मेंग़रीब के बच्चे भी खाना खा सके त्योहारों में,
तभी तो भगवान खुद बिक जाते हैं बाजारों में।

टूटा-फूटा घर मेरा बस दो वक़्त की रोटी हैटूटा-फूटा घर मेरा,
बस दो वक़्त की रोटी है,
हम बुरी हालातों से लड़ने वाले किसान,
हमारी जिंदगी बहुत छोटी हैं।

कितना भी डिजीट्ल हो जाये हिन्दूस्तानकितना भी डिजीट्ल हो जाये हिन्दूस्तान,
लेकिन देश की शान, देश का किसान।

उन घरो में जहाँ मिट्टी के घड़े रहते हैंउन घरो में जहाँ मिट्टी के घड़े रहते हैं,
कद में छोटे हो, मगर लोग बड़े रहते हैं।

किसान की आह जो दिल से निकाली जाएगीकिसान की आह जो दिल से निकाली जाएगी,
क्या समझते हो कि ख़ाली जाएगी।

मत मारो गोलियो से मुझे मैं पहले से एक दुखी इंसान हूँमत मारो गोलियो से मुझे,
मैं पहले से एक दुखी इंसान हूँ,
मेरी मौत कि वजह यही हैं कि,
मैं पेशे से एक किसान हूँ।

जब कोई किसान या जवान मरता हैजब कोई किसान या जवान मरता है,
तो समझना पूरा हिन्दुस्तान मरता है।

मुफ़्त की कोई चीज बाजार में नहीं मिलतीमुफ़्त की कोई चीज बाजार में नहीं मिलती,
किसान के मरने की सुर्खियां अखबार में नहीं मिलती।

हमने भी कितने पेड़ तोड़ दिए संसद की कुर्सियों में जोड़ दिएहमने भी कितने पेड़ तोड़ दिए,
संसद की कुर्सियों में जोड़ दिए,
कुआँ बुझा दिए, नदियाँ सुखा दिए,
विकास की ताकत से कुदरत को झुका दिए।

किसानो से अब कहाँ वो मुलाकात करते हैंकिसानो से अब कहाँ वो मुलाकात करते हैं,
बस ऱोज नये ख्वाबो की बात करते हैं।

मिट्टी से गहरा रिश्ता रखता हूँमिट्टी से गहरा रिश्ता रखता हूँ,
किसान का बेटा हूँ गर्व से कहता हूँ।

घटाएँ उठती हैं बरसात होने लगती हैघटाएँ उठती हैं, बरसात होने लगती है,
जब आँख भर के फ़लक को किसान देखता है।

देर शाम खेत से किसान घर नहीं आता हैदेर शाम खेत से किसान घर नहीं आता है,
तो बच्चों का मासूम दिल सहम जाता है।

जमीन जल चुकी है आसमान बाकी हैजमीन जल चुकी है आसमान बाकी है,
सूखे कुएँ तुम्हारा इम्तहान बाकी है,
वो जो खेतों की मेढ़ों पर उदास बैठे हैं,
उनकी आखों में अब तक ईमान बाकी है,

एक ईमानदार किसान को डरे सहमे हुए देखा हैएक ईमानदार किसान को डरे सहमे हुए देखा है,
मेहनत करने के बावजूद भूख से लड़ते हुए देखा है।

खुदका तो पता नहीं पर कोई पेट न भूका रह जायेखुदका तो पता नहीं पर,
कोई पेट न भूका रह जाये,
इतना में करूँ परिश्रम की,
चारों धाम खेत से हो जायें।

कहाँ ले जाओगे किसान के हक का दानाकहाँ ले जाओगे किसान के हक का दाना,
इस दुनिया को एक दिन तुमको भी है छोड़ जाना।

ऐ ख़ुदा बस एक ख़्वाब सच्चा दे देऐ ख़ुदा बस एक ख़्वाब सच्चा दे दे,
अबकी बरस मानसून अच्छा दे दे,

कोई परेशान हैं सास-बहू के रिश्तो मेंकोई परेशान हैं सास-बहू के रिश्तो में,
किसान परेशान हैं कर्ज की किश्तों में।

छोटे छोटे हाथों में छाले हो जाते हैंछोटे छोटे हाथों में छाले हो जाते हैं,
किसान के बच्चे इसलिए दिलवाले हो जाते हैं,
यही बॉर्डर पर सेना में कुर्बान हो जाते हैं,
किसान के बच्चे वक़्त से पहले जवान हो जाते हैं।


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