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Home Kisan Shayari Kisan Shayari in Hindi - किसान शायरी इन हिंदी

नही हुआ हैं अभी सवेरा पूरब की लाली पहचान

नही हुआ हैं अभी सवेरा पूरब की लाली पहचाननही हुआ हैं अभी सवेरा,
पूरब की लाली पहचान,
चिडियों के उठने से पहले,
खाट छोड़ उठ गया किसान।

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शुक्र हैं कि बच्चे अब शर्म से नही मरेंगेशुक्र हैं कि बच्चे अब शर्म से नही मरेंगे,
चुल्लू भर पानी खुदा दे, दुआँ करेंगे।

छोटे छोटे हाथों में छाले हो जाते हैंछोटे छोटे हाथों में छाले हो जाते हैं,
किसान के बच्चे इसलिए दिलवाले हो जाते हैं,
यही बॉर्डर पर सेना में कुर्बान हो जाते हैं,
किसान के बच्चे वक़्त से पहले जवान हो जाते हैं।

कितना भी डिजीट्ल हो जाये हिन्दूस्तानकितना भी डिजीट्ल हो जाये हिन्दूस्तान,
लेकिन देश की शान, देश का किसान।

देवताओं से भी हल नहीं हुई जिन्दगी कही सरल नही हुईदेवताओं से भी हल नहीं हुई,
जिन्दगी कही सरल नही हुई,
कि अबके साल फिर यही हुआ
अबके साल फिर फसल नही हुई।

हमने भी कितने पेड़ तोड़ दिए संसद की कुर्सियों में जोड़ दिएहमने भी कितने पेड़ तोड़ दिए,
संसद की कुर्सियों में जोड़ दिए,
कुआँ बुझा दिए, नदियाँ सुखा दिए,
विकास की ताकत से कुदरत को झुका दिए।

कहाँ ले जाओगे किसान के हक का दानाकहाँ ले जाओगे किसान के हक का दाना,
इस दुनिया को एक दिन तुमको भी है छोड़ जाना।

मत मारो गोलियो से मुझे मैं पहले से एक दुखी इंसान हूँमत मारो गोलियो से मुझे,
मैं पहले से एक दुखी इंसान हूँ,
मेरी मौत कि वजह यही हैं कि,
मैं पेशे से एक किसान हूँ।

मैं किसान हूँ मुझे भरोसा हैं अपने जूनून परमैं किसान हूँ मुझे भरोसा हैं अपने जूनून पर,
निगाहे लगी हुई है आकाश के मानसून पर।

टूटा-फूटा घर मेरा बस दो वक़्त की रोटी हैटूटा-फूटा घर मेरा,
बस दो वक़्त की रोटी है,
हम बुरी हालातों से लड़ने वाले किसान,
हमारी जिंदगी बहुत छोटी हैं।

बढ़ रही हैं कीमते अनाज कीबढ़ रही हैं कीमते अनाज की,
पर हो न सकी विदा बेटी किसान की।

चीर के जमीन को मैं उम्मीद बोता हूँचीर के जमीन को, मैं उम्मीद बोता हूँ।
मैं किसान हूँ, चैन से कहाँ सोता हूँ।

किसानो से अब कहाँ वो मुलाकात करते हैंकिसानो से अब कहाँ वो मुलाकात करते हैं,
बस ऱोज नये ख्वाबो की बात करते हैं।

कहा रख दू अपने हिस्से की शराफ़तकहा रख दू अपने हिस्से की शराफ़त,
जहाँ देखूं वहां बेईमान ही खडे है,
क्या खूब बढ़ रहा है वतन देखिये,
खेतों में बिल्डर सड़क पे किसान खड़े है।

नंगे पैर बारिश में जब एक किसान खेतो में जाता हैनंगे पैर बारिश में जब एक किसान खेतो में जाता है,
तभी महकता हुआ बासमती आपके घर आता है।

ये मौसम भी कितना बेईमान हैंये मौसम भी कितना बेईमान हैं,
बारिश न होने की वजह से मरा इक किसान हैं।

खुदका तो पता नहीं पर कोई पेट न भूका रह जायेखुदका तो पता नहीं पर,
कोई पेट न भूका रह जाये,
इतना में करूँ परिश्रम की,
चारों धाम खेत से हो जायें।

लोग कहते हैं बेटी को मार डालोगेलोग कहते हैं बेटी को मार डालोगे,
तो बहू कहाँ से पाओगे?
जरा सोचो किसान को मार डालोगे,
तो रोटी कहाँ से लाओगे?

ज़िन्दगी के नगमे कुछ यूँ गाता मेहनत मजदूरी करके खाताज़िन्दगी के नगमे कुछ यूँ गाता,
मेहनत मजदूरी करके खाता,
सद्बुद्धि सबको दो दाता,
हम है, अगर हैं अन्नदाता

दीवार क्या गिरी किसान के कच्चे मकान कीदीवार क्या गिरी किसान के कच्चे मकान की,
नेताओ ने उसके आँगन में रस्ता बन दिया।

जिसकी आँखो के आगे किसान पेड़ पे झूल गयाजिसकी आँखो के आगे, किसान पेड़ पे झूल गया,
देख आईना तू भी बन्दे,कल जो किया वो भूल गया।


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