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Home Kisan Shayari Kisan Shayari in Hindi - किसान शायरी इन हिंदी

हू एक किसान ऐतबार अपनी लगन पे

हू एक किसान ऐतबार अपनी लगन पेहू एक किसान ऐतबार अपनी लगन पे,
लगी है निगाहें आसमा के मानसून पे।

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किसानो से अब कहाँ वो मुलाकात करते हैंकिसानो से अब कहाँ वो मुलाकात करते हैं,
बस ऱोज नये ख्वाबो की बात करते हैं।

मत मारो गोलियो से मुझे मैं पहले से एक दुखी इंसान हूँमत मारो गोलियो से मुझे,
मैं पहले से एक दुखी इंसान हूँ,
मेरी मौत कि वजह यही हैं कि,
मैं पेशे से एक किसान हूँ।

कितना भी डिजीट्ल हो जाये हिन्दूस्तानकितना भी डिजीट्ल हो जाये हिन्दूस्तान,
लेकिन देश की शान, देश का किसान।

एक ईमानदार किसान को डरे सहमे हुए देखा हैएक ईमानदार किसान को डरे सहमे हुए देखा है,
मेहनत करने के बावजूद भूख से लड़ते हुए देखा है।

मैं किसान हूँ मुझे भरोसा हैं अपने जूनून परमैं किसान हूँ मुझे भरोसा हैं अपने जूनून पर,
निगाहे लगी हुई है आकाश के मानसून पर।

परिश्रम की मिसाल हैं जिस पर कर्जो के निशान हैंपरिश्रम की मिसाल हैं,
जिस पर कर्जो के निशान हैं,
घर चलाने में खुद को मिटा दिया,
और कोई नही वह किसान हैं।

लोग कहते हैं बेटी को मार डालोगेलोग कहते हैं बेटी को मार डालोगे,
तो बहू कहाँ से पाओगे?
जरा सोचो किसान को मार डालोगे,
तो रोटी कहाँ से लाओगे?

खेतों को जब पानी की जरूरत होती हैखेतों को जब पानी की जरूरत होती है,
तो आसमान बरसता है या तो आँखें।

मिट्टी से गहरा रिश्ता रखता हूँमिट्टी से गहरा रिश्ता रखता हूँ,
किसान का बेटा हूँ गर्व से कहता हूँ।

किसान की आह जो दिल से निकाली जाएगीकिसान की आह जो दिल से निकाली जाएगी,
क्या समझते हो कि ख़ाली जाएगी।

उन घरो में जहाँ मिट्टी के घड़े रहते हैंउन घरो में जहाँ मिट्टी के घड़े रहते हैं,
कद में छोटे हो, मगर लोग बड़े रहते हैं।

जो अपने कांधे पर देखो खुद हल लेकर चलता हैजो अपने कांधे पर देखो खुद हल लेकर चलता है,
आज उसी की कठिनाइयों का हल क्यों नही निकलता है,
है जिससे उम्मीद उन्हें बस चिंता है मतदान की,
टूटी माला जैसे बिखरी किस्मत आज किसान की।

भगवान का सौदा करता हैं, इंसान की क़ीमत क्या जानेभगवान का सौदा करता हैं,
इंसान की क़ीमत क्या जाने?
जो धान की क़ीमत दे न सके,
वो जान की क़ीमत क्या जाने?

शुक्र हैं कि बच्चे अब शर्म से नही मरेंगेशुक्र हैं कि बच्चे अब शर्म से नही मरेंगे,
चुल्लू भर पानी खुदा दे, दुआँ करेंगे।

कहाँ ले जाओगे किसान के हक का दानाकहाँ ले जाओगे किसान के हक का दाना,
इस दुनिया को एक दिन तुमको भी है छोड़ जाना।

अपनी फसलों को आधे भाव में बेचकर भीअपनी फसलों को आधे भाव में बेचकर भी,
वो किसान हमेशा खुश रहता हैं।
क्योंकि उसे अपनी कमाई से ज्यादा,
दूसरों का पेट भरने में आनंद आता हैं।

ऐ ख़ुदा बस एक ख़्वाब सच्चा दे देऐ ख़ुदा बस एक ख़्वाब सच्चा दे दे,
अबकी बरस मानसून अच्छा दे दे,

नही हुआ हैं अभी सवेरा पूरब की लाली पहचाननही हुआ हैं अभी सवेरा,
पूरब की लाली पहचान,
चिडियों के उठने से पहले,
खाट छोड़ उठ गया किसान।

चीर के जमीन को मैं उम्मीद बोता हूँचीर के जमीन को, मैं उम्मीद बोता हूँ।
मैं किसान हूँ, चैन से कहाँ सोता हूँ।

टूटा-फूटा घर मेरा बस दो वक़्त की रोटी हैटूटा-फूटा घर मेरा,
बस दो वक़्त की रोटी है,
हम बुरी हालातों से लड़ने वाले किसान,
हमारी जिंदगी बहुत छोटी हैं।


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