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Home Kisan Shayari Kisan Shayari in Hindi - किसान शायरी इन हिंदी

ये मौसम भी कितना बेईमान हैं

ये मौसम भी कितना बेईमान हैंये मौसम भी कितना बेईमान हैं,
बारिश न होने की वजह से मरा इक किसान हैं।

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किसानो से अब कहाँ वो मुलाकात करते हैंकिसानो से अब कहाँ वो मुलाकात करते हैं,
बस ऱोज नये ख्वाबो की बात करते हैं।

ये मौसम भी कितना बेईमान हैंये मौसम भी कितना बेईमान हैं,
बारिश न होने की वजह से मरा इक किसान हैं।

जब कोई किसान या जवान मरता हैजब कोई किसान या जवान मरता है,
तो समझना पूरा हिन्दुस्तान मरता है।

एक ईमानदार किसान को डरे सहमे हुए देखा हैएक ईमानदार किसान को डरे सहमे हुए देखा है,
मेहनत करने के बावजूद भूख से लड़ते हुए देखा है।

मत मारो गोलियो से मुझे मैं पहले से एक दुखी इंसान हूँमत मारो गोलियो से मुझे,
मैं पहले से एक दुखी इंसान हूँ,
मेरी मौत कि वजह यही हैं कि,
मैं पेशे से एक किसान हूँ।

शुक्र हैं कि बच्चे अब शर्म से नही मरेंगेशुक्र हैं कि बच्चे अब शर्म से नही मरेंगे,
चुल्लू भर पानी खुदा दे, दुआँ करेंगे।

शहर मे ओलावृष्टि से शहरी बहुत खुश होते है बर्फ़बारी समझकरशहर मे ओलावृष्टि से,
शहरी बहुत खुश होते है बर्फ़बारी समझकर,
कभी मिलजाए फुर्सत तो महसूस करियेगा दर्द,
खुद को गांव का किसान समझकर।

छत टपकती हैं उसके कच्चे मकान कीछत टपकती हैं उसके कच्चे मकान की,
फिर भी बारिश हो जाये, तमन्ना हैं किसान की।

छोटे छोटे हाथों में छाले हो जाते हैंछोटे छोटे हाथों में छाले हो जाते हैं,
किसान के बच्चे इसलिए दिलवाले हो जाते हैं,
यही बॉर्डर पर सेना में कुर्बान हो जाते हैं,
किसान के बच्चे वक़्त से पहले जवान हो जाते हैं।

ये सिलसिला क्या यूँ ही चलता रहेगाये सिलसिला क्या यूँ ही चलता रहेगा,
सियासत अपनी चालों से,
कब तक किसान को छलता रहेगा।

कहा रख दू अपने हिस्से की शराफ़तकहा रख दू अपने हिस्से की शराफ़त,
जहाँ देखूं वहां बेईमान ही खडे है,
क्या खूब बढ़ रहा है वतन देखिये,
खेतों में बिल्डर सड़क पे किसान खड़े है।

जिसकी आँखो के आगे किसान पेड़ पे झूल गयाजिसकी आँखो के आगे, किसान पेड़ पे झूल गया,
देख आईना तू भी बन्दे,कल जो किया वो भूल गया।

वो जो खेतों की मेढ़ों पर उदास बैठे हैंवो जो खेतों की मेढ़ों पर उदास बैठे हैं,
उनकी आखों में अब तक ईमान बाकी है,
बादलों बरस जाना समय पर इस बार,
किसी का मकान गिरवी तो किसी का लगान बाकी है।

नंगे पैर बारिश में जब एक किसान खेतो में जाता हैनंगे पैर बारिश में जब एक किसान खेतो में जाता है,
तभी महकता हुआ बासमती आपके घर आता है।

अपनी फसलों को आधे भाव में बेचकर भीअपनी फसलों को आधे भाव में बेचकर भी,
वो किसान हमेशा खुश रहता हैं।
क्योंकि उसे अपनी कमाई से ज्यादा,
दूसरों का पेट भरने में आनंद आता हैं।

देर शाम खेत से किसान घर नहीं आता हैदेर शाम खेत से किसान घर नहीं आता है,
तो बच्चों का मासूम दिल सहम जाता है।

कितना भी डिजीट्ल हो जाये हिन्दूस्तानकितना भी डिजीट्ल हो जाये हिन्दूस्तान,
लेकिन देश की शान, देश का किसान।

चीर के जमीन को मैं उम्मीद बोता हूँचीर के जमीन को, मैं उम्मीद बोता हूँ।
मैं किसान हूँ, चैन से कहाँ सोता हूँ।

लोग कहते हैं बेटी को मार डालोगेलोग कहते हैं बेटी को मार डालोगे,
तो बहू कहाँ से पाओगे?
जरा सोचो किसान को मार डालोगे,
तो रोटी कहाँ से लाओगे?

बढ़ रही हैं कीमते अनाज कीबढ़ रही हैं कीमते अनाज की,
पर हो न सकी विदा बेटी किसान की।


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