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Home Papa Shayari Papa Ke Liye Shayari in Hindi - पापा के लिए शायरी इन हिंदी

मेरी रब से एक गुज़ारिश है

मेरी रब से एक गुज़ारिश हैमेरी रब से एक गुज़ारिश है,
छोटी सी लगानी एक सिफारिश है,
रहे जीवन भर खुश मेरे पापा,
बस इतनी सी मेरी ख्वाहिश है।

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क्या कहूं उस पिता के बारे मेंक्या कहूं उस पिता के बारे में,
जिसने सोचा नहीं कभी खुद के बारे में,
पापा आपने मुझे जिंदगी भर दिया है,
आपका तहे दिल से बहुत शुक्रिया है।

इस जहां में सिर्फ आप ही वह शख्स होइस जहां में सिर्फ आप ही वह शख्स हो,
जिसने मेरे सभी फैसले पर हर कदम पर,
हमेशा मुझ पर भरोसा किया हैं,
आप दुनिया के सबसे अच्छे पिता हैं।

न मजबूरियाँ रोक सकीं न मुसीबतें ही रोक सकींन मजबूरियाँ रोक सकीं,
न मुसीबतें ही रोक सकीं,
आ गया पिता जो बच्चों ने याद किया,
उसे तो मीलों की दूरी भी न रोक सकी।

सबसे खुशकिस्मत है वह इंसानसबसे खुशकिस्मत है वह इंसान,
जिसके पास है पिता के प्यार की बेशुमार दौलत।

अपने बच्चो की ख्वाहिशो को पूरा करते करतेअपने बच्चो की ख्वाहिशो को पूरा करते करते,
उस पिता ने खुद को कितना खो दिया पता ही नहीं चला।

सख्त सी आवाज में कहीं प्यार छिपा सा रहता हैसख्त सी आवाज में कहीं प्यार छिपा सा रहता है,
उसकी रगों में हिम्मत का एक दरिया सा बहता है,
कितनी भी परेशानियां और मुसीबतें पड़ती हों उस पर,
हंस कर झेल जाता है ‘पिता’ किसी से कुछ न कहता है।

नींद अपनी भुला के सुलाया हमकोंनींद अपनी भुला के सुलाया हमकों,
आंसू अपने गिरा के हँसाया हमको,
लिए गोद में झुलाया हमको,
जीवन की हर ख़ुशी से पापा आपने मिलाया हमकों।

पिता की नजरें थोड़ी शक्की होती हैंपिता की नजरें थोड़ी शक्की होती हैं,
पर उनके गुस्से में बेटे की तरक्की होती हैं।

खून का भी एक रंग होता हैं पुत्र पिता का अंग होता हैंखून का भी एक रंग होता हैं,
पुत्र पिता का अंग होता हैं।

मन की बात जो पल में जान लेमन की बात जो पल में जान ले,
आंखों से जो हर बात पढ़ ले,
दर्द हो या खुशी, हर बात को पल में जान ले।
पापा ही तो है, जो आपको बेपनाह प्यार दे।

मुझे मोहब्बत है अपने हाथों की सब ऊँगलियों सेमुझे मोहब्बत है अपने हाथों की सब ऊँगलियों से,
ना जाने पापा ने कौनसी ऊँगली को पकड़कर,
मुझे चलना सिखाया था।

तोतली जुबान से निकला पहला शब्दतोतली जुबान से निकला पहला शब्द,
उसे सारे जहाँ की खुशियाँ दे जाता है,
बच्चों में ही उसे नजर आती है जिंदगी अपनी,
उनके लिए तो ‘पिता’ अपनी जिंदगी दे जाता है।

आज भी मेरी फरमाइशें कम नही होतीआज भी मेरी फरमाइशें कम नही होती,
तंगी के आलम में भी, पापा की आँखें कभी नम नहीं होती।

वहीं श्रवण कुमार बन पायेंगेंवहीं श्रवण कुमार बन पायेंगें,
जो पिता के एहसानों का कर्ज चुकायेंगे।

बचपन से लेके आज तक कमी नहीं रखीबचपन से लेके आज तक कमी नहीं रखी,
हमारी आंख में कभी नमीं नहीं रखी,
जीते जी सब कुछ हमारे नाम कर दिया,
पिता ने अपने नाम एक ज़मीं नहीं रखी।

नींद अपनी भुला के सुलाया हमकोनींद अपनी भुला के सुलाया हमको,
आंसू अपने गिरा के हास्य हमको,
दर्द कभी न देना उस खुदा की तस्वीर को,
ज़माने में बाप कहते है जिसको।

पिता जमीर है पिता जागीर हैपिता जमीर है पिता जागीर है,
जिसके पास ये है वह सबसे अमीर है।

जब भी पिताजी बाज़ार जाते हैं मेरे लिये ज़रूर कुछ लाते हैंजब भी पिताजी बाज़ार जाते हैं,
मेरे लिये ज़रूर कुछ लाते हैं।

धरती सा धीरज दिया और आसमान सी उंचाई हैधरती सा धीरज दिया और आसमान सी उंचाई है,
जिन्दगी को तरस के खुदा ने ये तस्वीर बनाई है,
हर दुख वो बच्चों का खुद पे वो सह लेतें है,
उस खुदा की जीवित प्रतिमा को हम पिता कहते है।

खुशिया जहाँ की सारी मिल जाती हैखुशिया जहाँ की सारी मिल जाती है,
जब पापा की गोद में झपकी मिल जाती है।


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