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Home Papa Shayari Papa Ke Liye Shayari in Hindi - पापा के लिए शायरी इन हिंदी

वो जमीन मेरी वो ही आसमान है

वो जमीन मेरी वो ही आसमान हैवो जमीन मेरी वो ही आसमान है,
वो खुदा मेरा वो ही भगवान है,
क्यों मैं जाऊं उसे कहीं छोड़ के,
पापा के कदमों में सारा जहान है।

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मुझे रख दिया छाँव में खुद जलते रहे धूप मेंमुझे रख दिया छाँव में खुद जलते रहे धूप में,
मैंने देखा है ऐसा एक फरिश्ता अपने पिता के रूप में।

बेटे होने का फ़र्ज कभी तुम भी निभानाबेटे होने का फ़र्ज कभी तुम भी निभाना,
जब पिता ना कहे तो उनकी मजबूरी समझ जाना।

प्यारे पापा के प्यार भरे सीने से जो लग जाते हैंप्यारे पापा के प्यार भरे सीने से जो लग जाते हैं,
सच कहती हूँ विश्वास करो, जीवन में सदा सुख पाते हैं।

मन की बात जो पल में जान लेमन की बात जो पल में जान ले,
आंखों से जो हर बात पढ़ ले,
दर्द हो या खुशी, हर बात को पल में जान ले।
पापा ही तो है, जो आपको बेपनाह प्यार दे।

जलती धूप में वो आरामदायक छाँव हैजलती धूप में वो आरामदायक छाँव है,
मेलों में कंधे पर लेकर चलने वाला पाँव है,
मिलती है जिंदगी में हर ख़ुशी उसके होने से,
कभी भी उल्टा नहीं पड़ता पिता वो दांव है।

अपने बच्चो की ख्वाहिशो को पूरा करते करतेअपने बच्चो की ख्वाहिशो को पूरा करते करते,
उस पिता ने खुद को कितना खो दिया पता ही नहीं चला।

बचपन से लेके आज तक कमी नहीं रखीबचपन से लेके आज तक कमी नहीं रखी,
हमारी आंख में कभी नमीं नहीं रखी,
जीते जी सब कुछ हमारे नाम कर दिया,
पिता ने अपने नाम एक ज़मीं नहीं रखी।

आज भी मेरी फरमाइशें कम नही होतीआज भी मेरी फरमाइशें कम नही होती,
तंगी के आलम में भी, पापा की आँखें कभी नम नहीं होती।

पिता उस दीये की तरह हैं जो खुद जलकरपिता उस दीये की तरह हैं,
जो खुद जलकर, औलाद का जीवन रौशन करते हैं।

उसकी रातें भी जग कर कट जाती हैंउसकी रातें भी जग कर कट जाती हैं,
परिवार के सपनों के लिए,
कितना भी हो पिता मजबूर ही सही,
पर हमारी जिंदगी में इक ठाठ लिए रहता है।

इस जहां में सिर्फ आप ही वह शख्स होइस जहां में सिर्फ आप ही वह शख्स हो,
जिसने मेरे सभी फैसले पर हर कदम पर,
हमेशा मुझ पर भरोसा किया हैं,
आप दुनिया के सबसे अच्छे पिता हैं।

ऊँगली पकड़ कर चलाते हैं पापाऊँगली पकड़ कर चलाते हैं पापा,
गिरने पर उठने का साहस बढ़ाते है पापा।

नींद अपनी भुला के सुलाया हमकोंनींद अपनी भुला के सुलाया हमकों,
आंसू अपने गिरा के हँसाया हमको,
लिए गोद में झुलाया हमको,
जीवन की हर ख़ुशी से पापा आपने मिलाया हमकों।

सिमटती दिखे उन्हें मेरी ख्वाहिशे अगरसिमटती दिखे उन्हें मेरी ख्वाहिशे अगर,
दाल देते है पापा परदे अपनी निजी ज़रूरतों पर।

मेरे होठों की हँसी मेरे पापा की बदोलत हैमेरे होठों की हँसी मेरे पापा की बदोलत है,
मेरी आँखों में खुशी मेरे पापा की बदोलत है,
पापा किसी खुदा से कम नही क्योकि,
मेरी ज़िन्दगी की सारी खुशी पापा की बदोलत है।

नींद अपनी भुला के सुलाया हमकोनींद अपनी भुला के सुलाया हमको,
आंसू अपने गिरा के हास्य हमको,
दर्द कभी न देना उस खुदा की तस्वीर को,
ज़माने में बाप कहते है जिसको।

सबसे खुशकिस्मत है वह इंसानसबसे खुशकिस्मत है वह इंसान,
जिसके पास है पिता के प्यार की बेशुमार दौलत।

न मजबूरियाँ रोक सकीं न मुसीबतें ही रोक सकींन मजबूरियाँ रोक सकीं,
न मुसीबतें ही रोक सकीं,
आ गया पिता जो बच्चों ने याद किया,
उसे तो मीलों की दूरी भी न रोक सकी।

कभी हंसी और खुशी का मेला है पिताकभी हंसी और खुशी का मेला है पिता,
कभी कितना तन्हा और अकेला है पिता,
माँ तो कह देती है अपने दिल की बात,
सब कुछ समेट के आसमान सा फैला है पिता।

कमर झुक जाती है बुढ़ापे में उसकीकमर झुक जाती है बुढ़ापे में उसकी,
सारी जवानी जिम्मेवारियों का बोझ ढोकर,
खुशियों की ईमारत खड़ी कर देता है पिता,
अपने लिए बुने हुए सपनों को खो कर।


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