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Home Papa Shayari Papa Ke Liye Shayari in Hindi - पापा के लिए शायरी इन हिंदी

वो जमीन मेरी वो ही आसमान है

वो जमीन मेरी वो ही आसमान हैवो जमीन मेरी वो ही आसमान है,
वो खुदा मेरा वो ही भगवान है,
क्यों मैं जाऊं उसे कहीं छोड़ के,
पापा के कदमों में सारा जहान है।

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सख्त सी आवाज में कहीं प्यार छिपा सा रहता हैसख्त सी आवाज में कहीं प्यार छिपा सा रहता है,
उसकी रगों में हिम्मत का एक दरिया सा बहता है,
कितनी भी परेशानियां और मुसीबतें पड़ती हों उस पर,
हंस कर झेल जाता है ‘पिता’ किसी से कुछ न कहता है।

वो जमीन मेरी वो ही आसमान हैवो जमीन मेरी वो ही आसमान है,
वो खुदा मेरा वो ही भगवान है,
क्यों मैं जाऊं उसे कहीं छोड़ के,
पापा के कदमों में सारा जहान है।

बचपन से लेके आज तक कमी नहीं रखीबचपन से लेके आज तक कमी नहीं रखी,
हमारी आंख में कभी नमीं नहीं रखी,
जीते जी सब कुछ हमारे नाम कर दिया,
पिता ने अपने नाम एक ज़मीं नहीं रखी।

छोटे छोटे संकट के लिये माँ याद आती हैछोटे छोटे संकट के लिये माँ याद आती है,
मगर बड़े संकट के वक़्त पिता याद आते हैं।

अपने बच्चो की ख्वाहिशो को पूरा करते करतेअपने बच्चो की ख्वाहिशो को पूरा करते करते,
उस पिता ने खुद को कितना खो दिया पता ही नहीं चला।

मेरा वजूद मेरी पहचान मेरी जिंदगी सब आपसे ही है पापामेरा वजूद, मेरी पहचान,
मेरी जिंदगी सब आपसे ही है पापा।

मंजिल दूर और सफ़र बहुत हैमंजिल दूर और सफ़र बहुत है,
छोटी सी जिन्दगी की फिकर बहुत है,
मार डालती ये दुनिया कब की हमे,
लेकिन पापा के प्यार में असर बहुत है।

मुझे मोहब्बत है अपने हाथों की सब ऊँगलियों सेमुझे मोहब्बत है अपने हाथों की सब ऊँगलियों से,
ना जाने पापा ने कौनसी ऊँगली को पकड़कर,
मुझे चलना सिखाया था।

न मजबूरियाँ रोक सकीं न मुसीबतें ही रोक सकींन मजबूरियाँ रोक सकीं,
न मुसीबतें ही रोक सकीं,
आ गया पिता जो बच्चों ने याद किया,
उसे तो मीलों की दूरी भी न रोक सकी।

पिता हारकर बाज़ी हमेशा मुस्कुरायापिता हारकर बाज़ी हमेशा मुस्कुराया,
शतरंज की उस जीत को मैं अब समझ पाया।

बेटे होने का फ़र्ज कभी तुम भी निभानाबेटे होने का फ़र्ज कभी तुम भी निभाना,
जब पिता ना कहे तो उनकी मजबूरी समझ जाना।

मंज़िल दूर और सफ़र बहुत हैमंज़िल दूर और सफ़र बहुत है,
छोटी सी जिन्दगी की फिकर बहुत है,
मार डालती ये दुनिया कब की हमे,
लेकिन “पापा ” के प्यार में असर बहुत है।

नींद अपनी भुला के सुलाया हमकोंनींद अपनी भुला के सुलाया हमकों,
आंसू अपने गिरा के हँसाया हमको,
लिए गोद में झुलाया हमको,
जीवन की हर ख़ुशी से पापा आपने मिलाया हमकों।

आज भी मेरी फरमाइशें कम नही होतीआज भी मेरी फरमाइशें कम नही होती,
तंगी के आलम में भी, पापा की आँखें कभी नम नहीं होती।

बाप बेटे में अक्सर होती हैं बातबाप बेटे में अक्सर होती हैं बात,
पर बेटे नहीं समझ पाते पिता के दिल के जज्बात।

खून का भी एक रंग होता हैं पुत्र पिता का अंग होता हैंखून का भी एक रंग होता हैं,
पुत्र पिता का अंग होता हैं।

जब भी पिताजी बाज़ार जाते हैं मेरे लिये ज़रूर कुछ लाते हैंजब भी पिताजी बाज़ार जाते हैं,
मेरे लिये ज़रूर कुछ लाते हैं।

उसकी रातें भी जग कर कट जाती हैंउसकी रातें भी जग कर कट जाती हैं,
परिवार के सपनों के लिए,
कितना भी हो पिता मजबूर ही सही,
पर हमारी जिंदगी में इक ठाठ लिए रहता है।

कभी हँसी और ख़ुशी का मेला है पिताकभी हँसी और ख़ुशी का मेला है पिता,
कभी कितना अकेला और तन्हा है पिता,
माँ तो कह देती है अपने दिल की बात,
सब कुछ समेट के आसमान सा फैला है पिता।

बेमतलब सी दुनिया में वह ही हमारी शान हैंबेमतलब सी दुनिया में वह ही हमारी शान हैं,
किसी शख़्स के वजूद की पिता ही पहली पहचान हैं।


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