मेरी रब से एक गुज़ारिश है,
छोटी सी लगानी एक सिफारिश है,
रहे जीवन भर खुश मेरे पापा,
बस इतनी सी मेरी ख्वाहिश है।
मेरे होठों की हँसी मेरे पापा की बदोलत है,
मेरी आँखों में खुशी मेरे पापा की बदोलत है,
पापा किसी खुदा से कम नही क्योकि,
मेरी ज़िन्दगी की सारी खुशी पापा की बदोलत है।
छोटे छोटे संकट के लिये माँ याद आती है,
मगर बड़े संकट के वक़्त पिता याद आते हैं।
पिता जमीर है पिता जागीर है,
जिसके पास ये है वह सबसे अमीर है।
न मजबूरियाँ रोक सकीं,
न मुसीबतें ही रोक सकीं,
आ गया पिता जो बच्चों ने याद किया,
उसे तो मीलों की दूरी भी न रोक सकी।
बेमतलब सी दुनिया में वह ही हमारी शान हैं,
किसी शख़्स के वजूद की पिता ही पहली पहचान हैं।
वहीं श्रवण कुमार बन पायेंगें,
जो पिता के एहसानों का कर्ज चुकायेंगे।
धरती सा धीरज दिया और आसमान सी उंचाई है,
जिन्दगी को तरस के खुदा ने ये तस्वीर बनाई है,
हर दुख वो बच्चों का खुद पे वो सह लेतें है,
उस खुदा की जीवित प्रतिमा को हम पिता कहते है।
जो हिम्मत हारने पर देते हैं साहस,
असफल होने पर बताते हैं सफलता का रास्ता,
दुख के हर पल को भी बना देते हैं खुशनुमा,
वह और कोई नहीं, मेरे पापा ही तो हैं।
मंज़िल दूर और सफ़र बहुत है,
छोटी सी जिन्दगी की फिकर बहुत है,
मार डालती ये दुनिया कब की हमे,
लेकिन “पापा ” के प्यार में असर बहुत है।