बेमतलब की इस दुनिया में,
वो ही हमारी शान है,
किसी शख्स के वजूद की,
पिता ही पहली पहचान है।
धरती सा धीरज दिया और आसमान सी उंचाई है,
जिन्दगी को तरस के खुदा ने यह तस्वीर बनाई है,
हर दुख बच्चों का वो खुद पे वो सह लेतें है,
उस खुदा की जीवित प्रतिमा को हम पिता कहते है।
अंधेरी जिंदगी की राह दिखाने वाली मशाल हैं,
जीवन की परेशानियों से बचाने वाली ढाल हैं,
मेरे पापा मेरे लिए मिसाल हैं।
बेमतलब सी इस दुनिया में वो ही हमारी शान है,
किसी शख्स के वजूद की पिता ही पहली पहचान है।
पिता के होने से घर में कोई गम नहीं,
अगर मां अतुलनीय है तो पिता भी कम नहीं।
बिना बताये वो हर बात जान जाते है,
मेरे पापा मेरी हर बात मान जाते है।
वो जमीन मेरा वो ही आसमान हैं,
वो खुदा मेरा वो ही भगवान है,
क्यों मैं जाऊं कही उसे छोड़ के,
पापा के क़दमों में मेरा सारा जहान हैं।
कंधो पर झुलाया कंधो पर घुमाया,
एक पापा की बदौलत ही मेरा जीवन खुबसूरत बन पाया।
किताबो से नहीं मैंने रास्तो की ठोकरों से सिखा है,
और मुश्किलो में भी हसना मैंने अपने पापा से सिखा है।
क्या कहूँ उस पिता के बारे में,
जिसने सोचा नहीं कभी खुद के बारे में,
पापा आपने मुझे जिंदगी भर दिया है,
आपका तहे दिल से बेहद शुक्रिया हैं।
मेरी पहचान आप से पापा,
क्या कहूं, आप मेरे लिए क्या हो,
रहने को है पैरों के नीचे ये जमीं,
पर मेरे लिए तो मेरा आसमान आप हो।
प्यारे पापा के प्यार भरे,
सीने से जो लग जाते हैं,
सच कहती हूँ विश्वास करो,
जीवन में सदा सुख पाते हैं।
जिंदगी में अच्छा लिबास हो तो उसे कुदरत कहते है,
रंगीन दोस्त हो तो उसे जन्नत कहते है,
हसींन हमसफ़र हो तो उसे मोहब्बत कहते है,
और जिंदगी में आप जैसे पापा हो तो उसे किस्मत कहते है।
फूल कभी दोबारा नहीं खिलते,
जन्म कभी दोबारा नहीं मिलते,
मिलते है लोग हजारो इस दुनिया में,
मगर पापा जितने प्यारे नहीं मिलते।
फुल कभी दोबारा नहीं खिलते,
जन्म कभी दोबारा नहीं मिलते,
मिलते है लोग हजारों दुनिया में,
पर पापा जितने प्यारे नहीं मिलते।
न हो तो रोती हैं जिदे, ख्वाहिशों का ढेर होता हैं,
पिता हैं तो हमेशा बच्चो का दिल शेर होता हैं।
जो चाहूँ वो मिल जाए ये नामुमकिन नहीं,
ये मेरे पापा का घर है कोई किस्मत का खेल नहीं।
आज भी वह प्यारी सी मुस्कान याद आती है,
जो मेरी शरारतो से पापा के चेहरे पर खिल जाती थी।
जब तक पिता का रहता है साथ,
जिंदगी में नहीं पकड़ना पड़ता किसी का हाथ।
बिता देता है एक उम्र अपनी,
की हर एक आरजू पूरी करने मे,
उसी पापा के कई सपने,
बुढ़ापे में लावारिस हो जाते है।