धरती सा धीरज दिया और आसमान सी उंचाई है,
जिन्दगी को तरस के खुदा ने यह तस्वीर बनाई है,
हर दुख बच्चों का वो खुद पे वो सह लेतें है,
उस खुदा की जीवित प्रतिमा को हम पिता कहते है।
बिता देता है एक उम्र अपनी,
की हर एक आरजू पूरी करने मे,
उसी पापा के कई सपने,
बुढ़ापे में लावारिस हो जाते है।
पापा मिले तो मिला प्यार,
मेरे पापा मेरा है संसार,
खुदा से मेरी इतनी सी दुआ है,
इस बार मेरे पापा को मिले खुशियाँ अपार।
पिता के बिना जिंदगी वीरान है,
सफर तन्हा और राह सुनसान है।
वही मेरी जमीं वही आसमान है,
वही खुदा वही मेरा भगवान है।
जब तक पिता का रहता है साथ,
जिंदगी में नहीं पकड़ना पड़ता किसी का हाथ।
फुल कभी दोबारा नहीं खिलते,
जन्म कभी दोबारा नहीं मिलते,
मिलते है लोग हजारों दुनिया में,
पर पापा जितने प्यारे नहीं मिलते।
नसीब वाले होते है वो जिनके सर पर,
पिता का हाथ होता है,
परेशानियां कम हो जाती है सब जब,
पिता का घर में वास होता है।
क्या कहूँ उस पिता के बारे में,
जिसने सोचा नहीं कभी खुद के बारे में,
पापा आपने मुझे जिंदगी भर दिया है,
आपका तहे दिल से बेहद शुक्रिया हैं।
पिता के होने से घर में कोई गम नहीं,
अगर मां अतुलनीय है तो पिता भी कम नहीं।
न हो तो रोती हैं जिदे, ख्वाहिशों का ढेर होता हैं,
पिता हैं तो हमेशा बच्चो का दिल शेर होता हैं।