मेरे होठों की हँसी मेरे पापा की बदोलत है,
मेरी आँखों में खुशी मेरे पापा की बदोलत है ,
पापा किसी खुदा से कम नही,
क्योकि मेरी ज़िन्दगी की सारी खुशी पापा की बदोलत है।
धरती सा धीरज दिया और आसमान सी उंचाई है,
जिन्दगी को तरस के खुदा ने यह तस्वीर बनाई है,
हर दुख बच्चों का वो खुद पे वो सह लेतें है,
उस खुदा की जीवित प्रतिमा को हम पिता कहते है।
आज भी वह प्यारी सी मुस्कान याद आती है,
जो मेरी शरारतो से पापा के चेहरे पर खिल जाती थी।
बिना बताये वो हर बात जान जाते है,
मेरे पापा मेरी हर बात मान जाते है।
हजारों की भीड़ मे भी पहचान जाते हैं,
पापा कुछ कहे बिना ही सब जान जाते हैं।
फुल कभी दोबारा नहीं खिलते,
जन्म कभी दोबारा नहीं मिलते,
मिलते है लोग हजारों दुनिया में,
पर पापा जितने प्यारे नहीं मिलते।
प्यारे पापा के प्यार भरे,
सीने से जो लग जाते हैं,
सच कहती हूँ विश्वास करो,
जीवन में सदा सुख पाते हैं।
पिता के बिना ज़िन्दगी वीरान होती हैं,
तन्हा सफ़र में हर राह सुनसान होती हैं,
ज़िन्दगी में पिता का होना जरूरी हैं,
पिता के साथ से हर राह आसान होती हैं।
जब तक पिता का रहता है साथ,
जिंदगी में नहीं पकड़ना पड़ता किसी का हाथ।
पिता के होने से घर में कोई गम नहीं,
अगर मां अतुलनीय है तो पिता भी कम नहीं।