आज भी वह प्यारी सी मुस्कान याद आती है,
जो मेरी शरारतो से पापा के चेहरे पर खिल जाती थी।
नसीब वाले होते है वो जिनके सर पर,
पिता का हाथ होता है,
परेशानियां कम हो जाती है सब जब,
पिता का घर में वास होता है।
धरती सा धीरज दिया और आसमान सी उंचाई है,
जिन्दगी को तरस के खुदा ने यह तस्वीर बनाई है,
हर दुख बच्चों का वो खुद पे वो सह लेतें है,
उस खुदा की जीवित प्रतिमा को हम पिता कहते है।
प्यारे पापा के प्यार भरे,
सीने से जो लग जाते है,
सच कहती हूँ विश्वास करो,
जीवन में सदा सुख पाते है।
पापा मुझको भूल न जाना,
गलतियां मेरे दिल पर मत लाना,
भूल हो जाती हैं मुझ नादान से,
अपने बेटे को हमेशा गले लगाना।
बिता देता है एक उम्र अपनी,
की हर एक आरजू पूरी करने मे,
उसी पापा के कई सपने,
बुढ़ापे में लावारिस हो जाते है।
मेरे सपनों को उड़ान देने की रखते अभिलाषा,
यही है मेरे पापा की परिभाषा।
पिता के होने से घर में कोई गम नहीं,
अगर मां अतुलनीय है तो पिता भी कम नहीं।
जिससे सब कुछ पाया है,
जिसने सब कुछ सिखलाया है,
कोटि नमन ऐसे पापा को
जो हर पल साथ निभाया है।
पिता जमीर है, पिता जागीर है,
जिसके पास ये है, वह सबसे अमीर है।