कंधों पर झुलाया कंधों पर घुमाया,
पापा की बदौलत ही मेरा जीवन खूबसूरत बन पाया।
सारी खुशी मिल जाती है,
जब मिल जाता है पापा का प्यार,
मेरे होठों को हंसी मिल जाती है,
जब मिल जाता है पापा का प्यार।
अपने पापा को आज मैं क्या उपहार दूं,
तोहफे दूँ फूलों के या गुलाबो का हार दूं,
मेरी जिंदगी में जो है सबसे प्यारा,
उस पर तो मैं अपनी जिंदगी ही वार दूं।
मेरी पहचान आप से पापा,
क्या कहूं, आप मेरे लिए क्या हो,
रहने को है पैरों के नीचे ये जमीं,
पर मेरे लिए तो मेरा आसमान आप हो।
जिंदगी में अच्छा लिबास हो तो उसे कुदरत कहते है,
रंगीन दोस्त हो तो उसे जन्नत कहते है,
हसींन हमसफ़र हो तो उसे मोहब्बत कहते है,
और जिंदगी में आप जैसे पापा हो तो उसे किस्मत कहते है।
नसीब वाले होते है वो जिनके सर पर,
पिता का हाथ होता है,
परेशानियां कम हो जाती है सब जब,
पिता का घर में वास होता है।
हजारों की भीड़ मे भी पहचान जाते हैं,
पापा कुछ कहे बिना ही सब जान जाते हैं।
धरती सा धीरज दिया और आसमान सी उंचाई है,
जिन्दगी को तरस के खुदा ने यह तस्वीर बनाई है,
हर दुख बच्चों का वो खुद पे वो सह लेतें है,
उस खुदा की जीवित प्रतिमा को हम पिता कहते है।
जो चाहूँ वो मिल जाए ये नामुमकिन नहीं,
ये मेरे पापा का घर है कोई किस्मत का खेल नहीं।
पापा का प्यार निराला है,
पापा के साथ रिश्ता न्यारा है,
इस रिश्ते जैसा कोई और नहीं,
यही रिश्ता दुनिया में सबसे प्यारा है।