वहम था मेरा,
जो तुम पर भरोसा किया,
लोगों ने तो सिर्फ दिल तोड़ा था,
तुमने तो मेरा रूह निचोड़ दिया।
आजकल न जाने कब,
बदल जाए इंसान भरोसा नहीं,
कहते हैं जो भरोसा करो हम पर,
अक्सर भरोसा तोड़ते हैं वहीं।
किसी पर इतना भरोसा रखो,
कि कोई उसे तोड़ ना पाए,
चाहे कोई कितनी भी कोशिश कर ले,
रिश्तों का कुछ उखाड़ ना पाए।
लोगों के पास बहुत कुछ है,
मगर मुश्किल यही है की,
भरोसे पे शक है और,
अपने शक पे भरोसा है।
प्यार में कोई तो दिल तोड़ देता है,
दोस्ती में कोई तो भरोसा तोड़ देता है,
ज़िंदगी जीना तो कोई ग़ुलाब से सीखे,
जो खुद टूट कर दो दिलों को जोड़ देता है।
प्यार और भरोसा दो ऐसे पंछी हैं,
अगर इनमें से एक उड़ जाए तो,
दूसरा अपने आप उड़ जाता है।
अब इन लहरो पर क्या भरोसा करूं,
जब वो मेरे विपरीत ही चल रही है,
मुझे तो इन हवाओं पर भरोसा है,
जो मेरे पतवार को सहारा दे रही है।
मैंने तुम पर भरोसा किया,
पर तुमने मुझे धोखा दिया,
अब किसी और पे ना भरोसा होगा,
और ना किसी से दोबारा प्यार होगा।