कंधों पर झुलाया कंधों पर घुमाया,
पापा की बदौलत ही मेरा जीवन खूबसूरत बन पाया।
बिता देता है एक उम्र अपनी,
की हर एक आरजू पूरी करने मे,
उसी पापा के कई सपने,
बुढ़ापे में लावारिस हो जाते है।
बिन बताये वो हर बात जान जाते हैं,
मेरे पापा मेरी हर बात मान जाते हैं।
पापा है मोहब्बत का नाम,
पापा को हजारों सलाम,
कर दे पैदा जिंदगी,
आये जो बच्चों के काम।
चंद सिक्को में कहा तुम को वफा मिलती है,
बाप के हाथ भी चुमो तो दुआ मिलती है,
तुम मोहब्बत की नजर से उन्हे देखो यारो,
उन की मुस्कान में जन्नत की अदा मिलती है।
फूल कभी दोबारा नहीं खिलते,
जन्म कभी दोबारा नहीं मिलते,
मिलते है लोग हजारो इस दुनिया में,
मगर पापा जितने प्यारे नहीं मिलते।
पिता जमीर है, पिता जागीर है,
जिसके पास ये है, वह सबसे अमीर है।
मतलब की इस दुनिया में वह पिता ही तो है,
जो औलाद को बेमतलब प्यार करता है।
पापा मुझको भूल न जाना,
गलतियां मेरे दिल पर मत लाना,
भूल हो जाती हैं मुझ नादान से,
अपने बेटे को हमेशा गले लगाना।
अपने पापा को आज मैं क्या उपहार दूं,
तोहफे दूँ फूलों के या गुलाबो का हार दूं,
मेरी जिंदगी में जो है सबसे प्यारा,
उस पर तो मैं अपनी जिंदगी ही वार दूं।