हजारों की भीड़ मे भी पहचान जाते हैं,
पापा कुछ कहे बिना ही सब जान जाते हैं।
किताबो से नहीं मैंने रास्तो की ठोकरों से सिखा है,
और मुश्किलो में भी हसना मैंने अपने पापा से सिखा है।
कंधों पर झुलाया कंधों पर घुमाया,
पापा की बदौलत ही मेरा जीवन खूबसूरत बन पाया।
क्या कहूँ उस पिता के बारे में,
जिसने सोचा नहीं कभी खुद के बारे में,
पापा आपने मुझे जिंदगी भर दिया है,
आपका तहे दिल से बेहद शुक्रिया हैं।
मेरे होठों की हँसी मेरे पापा की बदोलत है,
मेरी आँखों में खुशी मेरे पापा की बदोलत है ,
पापा किसी खुदा से कम नही,
क्योकि मेरी ज़िन्दगी की सारी खुशी पापा की बदोलत है।
मेरा साहस मेरा सम्मान है पिता,
मेरी ताकत मेरी पहचान है पिता,
शायद रब ने भेजा फल ये अच्छे कर्मों का,
उसकी रहमत उसका है वरदान पिता।
खुशियां मिलती अपार, सुकून मिलता अपार,
जब मिल जाता है, बस पापा का प्यार।
मुझे अपने पिताजी पर बहुत गर्व है,
पिताजी साथ हैं, तो खुश हर पर्व है।
पिता जमीर है, पिता जागीर है,
जिसके पास ये है, वह सबसे अमीर है।
जो चाहूँ वो मिल जाए ये नामुमकिन नहीं,
ये मेरे पापा का घर है कोई किस्मत का खेल नहीं।