मत पूछो कितनी मोहब्बत है मुझे उनसे,
बारिश की बूँद भी अगर उन्हें छू जाती है,
तो दिल में आग लग जाती है।
वह भी कुछ तड़पा होगा मौसम की पहली बारिश में,
प्यार मेरा याद आया होगा मौसम की पहली बारिश में,
उड़ते उड़ते जब दो बादल एक हुए होंगे पर्वत पर,
उसका दामन भीगा होगा मौसम की पहली बारिश में।
आज मौसम कितना खुश गंवार हो गया,
खत्म सभी का इंतज़ार हो गया,
बारिश की बूंदे गिरी कुछ इस तरह से,
लगा जैसे आसमान को ज़मीन से प्यार हो गया।
ये बारिश अपने साथ साथ,
तुम्हारी यादो की बौछार लाई है,
तनहाई के इस आलम में,
खुशियां बेशुमार लाई है।
ए बारिश ज़रा थम के बरस,
जब मेरा यार आ जाए तो जम के बरस,
पहले ना बरस की वो आ ना सके,
फिर इतना बरस की वो जा ना सके।
बादल जब गरजते हैं दिल की धड़कन बढ़ जाती है,
दिल की हर एक धड़कन से आवाज़ तुम्हारी आती है,
जब तेज हवाएं चलती हैं तो जान हमारी जाती है,
ये मौसम है बारिश का और याद तुम्हारी आती है।
हम भीगते हैं जिस तरह से तेरी यादों में डूबकर,
इस बारिश में कहाँ वो कशिश तेरे ख्यालों जैसी।
बरस जाये यहाँ भी कुछ नूर की बारिशें,
के ईमान के शीशों पे बड़ी गर्द जमी है,
उस तस्वीर को भी कर दे ताज़ा,
जिनकी याद हमारे दिल में धुंधली सी पड़ी है।
मेरे ख्यालों में वही सपनो में वही,
लेकिन उनकी यादों में हम थे ही नहीं,
हम जागते रहे दुनियां सोती रही,
एक बारिश ही थी जो हमारे साथ रोती रही।
बारिश इतनी हुई की तमाम शहर धुल गया,
बस एक तेरे इश्क़ का रंग ही मुझसे न उतरा।
ये बारिश भी कितनी अजीब है,
पूरे तन को तो भीगा देती है,
मगर उसके सामने आँसू छुपाने में,
मेरी मदद नहीं कर पाती है।
हुई बारिश ज़रा सी सबको अपना काम याद आया,
किसी को प्यार अपना किसी को याद जाम आया।
काश के बरस जाये यहाँ भी कुछ नूर की बारिशें,
के ईमान के शीशों पे बड़ी गर्द जमी है,
उस तस्वीर को भी कर दे ताज़ा,
जिनकी याद हमारे दिल में धुंधली हुई है।
ये ही एक फर्क है तेरे और मेरे शहर की बारिश में,
तेरे यहाँ 'जाम' लगता है, मेरे यहाँ 'जाम' लगते हैं।
बारिश में चलने से एक बात याद आती है,
फिसलने के डर से डर से वो हाथ थाम लेता था।
हम बारिश की बुँदे समझ बैठे जिसे,
वो उसकी आँखों से निकले आंसू थे,
दर्द था उसके दिल का वो,
लेकिन हम बारिश की मस्ती में बेकाबू थे।
ख़ुद को इतना भी न बचाया कर,
बारिशें हुआ करे तो भीग जाया कर।
दिल में अनजाना सा एहसास,
जैसे बारिश चुपके से कुछ कह रही है,
न जाने कौन सी कशिश है इस बारिश में,
जो साथ में यादें भी ले आई है।
ये मौसम है बारिश का और याद तुम्हारी आती है,
बारिश के हर कतरे से आवाज़ तुम्हारी आती है,
बादल जब गरजते हैं दिल की धड़कन बढ़ जाती है,
दिल की हर एक धड़कन से आवाज़ तुम्हारी आती है,
कीमत बारिश की कोई हम से पूछो,
औरों को तो यह कीचड़ का कारण लगती है,
दिल सुलगता है याद में उसकी,
हर बूँद में बारिश की उसकी सूरत दिखती है।