बहुत बुरे दिन चल रहे है,
आज अच्छा होगा, कल अच्छा होगा,
यही सोच सोच के दिन कट रहे है।
कोई हमेशा जरूरी नही होता जिंदगी में,
या तो जरुरते बदल जाती है,
या लोग बदल जाते है।
आज उस की आँखों मे आँसू आ गये,
वो बच्चो को सिखा रही थी की
मोहब्बत ऐसे लिखते है।
इतनी मोहब्बत क्यों की मैंने तुझसे,
अब ये सोच सोच कर भी
मुझे खुद से नफरत होने लगी है।
तु रूठी-रूठी सी रहती है ए ज़िंदगी,
कोई तरकीब बता तुझे मनाने की,
मैं साँसे गिरवी रख दूँगा अपनी,
बस तूं कीमत बता अपनी मुस्कुराने की।
वो जा रही थी
और मैं खामोश खड़ा देखता रहा,
क्योंकि सुना था कि पीछे से आवाज़ नहीं देते।
यूँ तो सिखाने को जिंदगी
बहुत कुछ सिखाती है मगर,
झूठी हंसी हसने का हुनर
तो मोहब्बत ही सिखाती है।
जिसकी फितरत ही हमेशा बदलने की हो,
वह कभी किसी का नहीं हो सकता,
चाहे वह समय हो या इंसान।
मिली थी जिन्दगी
किसी के काम आने के लिए,
पर वक्त बित रहा है,
कागज के टुकड़े कमाने के लिए।
ये एक तरफा प्यार भी बहुत अज़ीब होता है,
हमेशा डर लगा रहता है की,
कोई उन्हें हम से चुरा न ले।
शिकायत है उन्हें कि
हमें मोहब्बत करना नहीं आता,
शिकवा तो इस दिल को भी है
पर इसे शिकायत करना नहीं आता।
किसी इंसान को दर्द देना इतना आसान होता है
जितना समुद्र में पत्थर फेकना,
लेकिन यह कोई नहीं जनता की वह कितनी
गहराई तक गया होगा।
बहुत बुरे दिन चल रहे है,
आज अच्छा होगा, कल अच्छा होगा,
यही सोच सोच के दिन कट रहे है।
कोई दुआ कर दे मेरे सुकून की
दिल आज दर्द से फटा जा रहा है,
वजह तो पता नही
बस हर बात पे रोना आ रहा है।
आँखें थक गई है आसमान को देखते देखते,
पर वो तारा नहीं टूटता,
जिसे देखकर तुम्हें मांग लूँ।
मेरी आंखों से ये डर अभी तक नहीं जाता,
तू उठ कर चली गई मगर यकीन नहीं आता,
जाने वाले लोगों में तुम भी शुमार थे,
मगर तुमसे ज्यादा इतना कोई याद नहीं आता।
जिसकी गलतियों को भुला कर
मैने हर बार रिश्ता निभाया,
उसी ने मुझे हर बार
फालतू होने का एहसास दिलाया।
सोचा था बताएंगे हर एक दर्द तुमको,
लेकिन तुमने तो इतना भी न पूँछा
की खामोश क्यों हो।
मेरे दिल का दर्द किसने देखा है,
मुझे बस खुदा ने तड़पते देखा है,
हम तन्हाई में बैठे रोते है,
लोगों ने हमें महफिल में हंसते देखा है।
किसी का ये सोचकर साथ मत छोड़ना
की उसके पास कुछ नही तुम्हे देने के लिए।
बस ये सोचकर साथ निभाना की
उसके पास कुछ नही तुम्हारे सिवा खोने के लिए।
हार माननी ही पड़ी एक नासमझ दिल को,
आखिर कब तक लड़ता
एक मतलबी दिल और चालाक दिमाग से।