बहुत बुरे दिन चल रहे है,
आज अच्छा होगा, कल अच्छा होगा,
यही सोच सोच के दिन कट रहे है।
वो जा रही थी
और मैं खामोश खड़ा देखता रहा,
क्योंकि सुना था कि पीछे से आवाज़ नहीं देते।
किसी का ये सोचकर साथ मत छोड़ना
की उसके पास कुछ नही तुम्हे देने के लिए।
बस ये सोचकर साथ निभाना की
उसके पास कुछ नही तुम्हारे सिवा खोने के लिए।
शिकायत है उन्हें कि
हमें मोहब्बत करना नहीं आता,
शिकवा तो इस दिल को भी है
पर इसे शिकायत करना नहीं आता।
जिसकी फितरत ही हमेशा बदलने की हो,
वह कभी किसी का नहीं हो सकता,
चाहे वह समय हो या इंसान।
न जाने किस कॉलेज से ली थी
मोहब्बत की डिग्री उसने,
जितने भी मुझसे वादे किये थे
सब फ़र्ज़ी निकले।
भरम है तो भरम ही रहने दो,
जानता हूं मोहब्बत नहीं है,
पर जो भी है कुछ देर तो रहने दो।
ये एक तरफा प्यार भी बहुत अज़ीब होता है,
हमेशा डर लगा रहता है की,
कोई उन्हें हम से चुरा न ले।
यूँ तो सिखाने को जिंदगी
बहुत कुछ सिखाती है मगर,
झूठी हंसी हसने का हुनर
तो मोहब्बत ही सिखाती है।
मिल गया उसी को
हमने मुक़द्दर समझ लिया,
ये सौदा ही नहीं कि मिली हुई
चीज को भी खो सकते है हम।
आज उस की आँखों मे आँसू आ गये,
वो बच्चो को सिखा रही थी की
मोहब्बत ऐसे लिखते है।
उस मोड़ पर आकर
खड़ी हो गई है ये जिंदगी,
जहाँ चाहत तो होती है मरने कि
लेकिन मजबूरी है जीने की।
न रहा करो उदास किसी बेवफा की याद में,
वो खुश है अपनी दुनिया में
तुम्हारी दुनिया उजाड़ के।
हार माननी ही पड़ी एक नासमझ दिल को,
आखिर कब तक लड़ता
एक मतलबी दिल और चालाक दिमाग से।
किसी इंसान को दर्द देना इतना आसान होता है
जितना समुद्र में पत्थर फेकना,
लेकिन यह कोई नहीं जनता की वह कितनी
गहराई तक गया होगा।
इतनी मोहब्बत क्यों की मैंने तुझसे,
अब ये सोच सोच कर भी
मुझे खुद से नफरत होने लगी है।
अगर खुदा ने पूछा तो कह देंगे
हुई थी मोहब्बत हमें किसी से बेइंतेहा,
मगर जिससे हुई थी
हम उसके काबिल न थे।
मिली थी जिन्दगी
किसी के काम आने के लिए,
पर वक्त बित रहा है,
कागज के टुकड़े कमाने के लिए।
बहुत बुरे दिन चल रहे है,
आज अच्छा होगा, कल अच्छा होगा,
यही सोच सोच के दिन कट रहे है।
टूट कर बिखर जाते है वो लोग
मिटटी की दीवारों की तरह,
जो खुद से भी ज्यादा
किसी और से प्यार करते है।
किसी ने हमसे सच ही कहा था
वक़्त मिले तो प्यार की किताब पढ़ लेना,
सच्चे प्यार करने वाले की कहानी
हमेशा अधूरी ही होती है।