जिससे उम्मीद हो अगर वही दिल दुखा दे,
तो भरोसा उस इंसान से ही नहीं
पूरी दुनियां से उठ जाता।
किसी को अब क्या बुरा समझना,
बुरे तो हम है
जो हर किसी को अच्छा समझ बैठते है।
वो जा रही थी
और मैं खामोश खड़ा देखता रहा,
क्योंकि सुना था कि पीछे से आवाज़ नहीं देते।
मेरे दिल का दर्द किसने देखा है,
मुझे बस खुदा ने तड़पते देखा है,
हम तन्हाई में बैठे रोते है,
लोगों ने हमें महफिल में हंसते देखा है।
अगर खुदा ने पूछा तो कह देंगे
हुई थी मोहब्बत हमें किसी से बेइंतेहा,
मगर जिससे हुई थी
हम उसके काबिल न थे।
लोग कहते है दु:ख बुरा होता है
जब भी आता है रुलाकर जाता है,
लेकिन हम कहते दु:ख अच्छा होता है
जब भी आता है कुछ सीखा कर जाता है।
तु रूठी-रूठी सी रहती है ए ज़िंदगी,
कोई तरकीब बता तुझे मनाने की,
मैं साँसे गिरवी रख दूँगा अपनी,
बस तूं कीमत बता अपनी मुस्कुराने की।
मिली थी जिन्दगी
किसी के काम आने के लिए,
पर वक्त बित रहा है,
कागज के टुकड़े कमाने के लिए।
जिंदगी मे जो हम चाहते है
वो आसानी से नही मिलता,
लेकिन हम भी वही चाहते है
जो हमें आसानी से नही मिलता।
मिल गया उसी को
हमने मुक़द्दर समझ लिया,
ये सौदा ही नहीं कि मिली हुई
चीज को भी खो सकते है हम।
भरम है तो भरम ही रहने दो,
जानता हूं मोहब्बत नहीं है,
पर जो भी है कुछ देर तो रहने दो।
ये एक तरफा प्यार भी बहुत अज़ीब होता है,
हमेशा डर लगा रहता है की,
कोई उन्हें हम से चुरा न ले।
मेरी आंखों से ये डर अभी तक नहीं जाता,
तू उठ कर चली गई मगर यकीन नहीं आता,
जाने वाले लोगों में तुम भी शुमार थे,
मगर तुमसे ज्यादा इतना कोई याद नहीं आता।
न जाने किस कॉलेज से ली थी
मोहब्बत की डिग्री उसने,
जितने भी मुझसे वादे किये थे
सब फ़र्ज़ी निकले।
जिसकी गलतियों को भुला कर
मैने हर बार रिश्ता निभाया,
उसी ने मुझे हर बार
फालतू होने का एहसास दिलाया।
यूँ तो सिखाने को जिंदगी
बहुत कुछ सिखाती है मगर,
झूठी हंसी हसने का हुनर
तो मोहब्बत ही सिखाती है।
कोई दुआ कर दे मेरे सुकून की
दिल आज दर्द से फटा जा रहा है,
वजह तो पता नही
बस हर बात पे रोना आ रहा है।
जिससे उम्मीद हो अगर वही दिल दुखा दे,
तो भरोसा उस इंसान से ही नहीं
पूरी दुनियां से उठ जाता।
बड़ा नादान सा चेहरा था उसका
उसकी चालाकी को मैं समझ ना सका,
वो कहती थी जान हो तुम, फिर चालाकी से
किसी और को अपना जान बना लिया।
ना जाने उसकी बेरूखी हमें क्यों पसंद आई,
ना चाहते हुए भी उससे मोहब्बत हो गई,
उससे शिकवा भी क्या करें हम,
उसने नहीं पसंद तो हमने किया था उसे।
टूट कर बिखर जाते है वो लोग
मिटटी की दीवारों की तरह,
जो खुद से भी ज्यादा
किसी और से प्यार करते है।