जब जब भरोसा किया है मेने,
तब तब भरोसा टूटा है मेरा,
अब तो किसी पर भरोसा करने का,
मन ही नही करता है मेरा।
समुंदर की लहरों पर भरोसा कर बैठे,
कल वो डुबा कर हमें किनारा कर बैठे।
हर इक पल सामने मेरे तुम्हारा ही ये चेहरा हो,
तुम्हारी ही महक लाता हवाओं का ये पहरा हो,
तुम्हारे प्यार में पागल हुआ दिल कह रहा है अब,
तुम्हें मुझ पर भरोसा और गहरा और गहरा हो।
भरोसे के बाज़ार में जिंदगी बेची थी मैंने,
तब जा के कहीं पाया हैं ये लहेजा मैंने।
बात भरोसे की ना कर ऐ दिल तू किसी गैर से,
मौसम से ज्यादा, इन्ही लोगों को बदलते देखा है मैंने।
जिंदगी का भरोसा नहीं कब तक साथ निभाएगी,
पर मौत पर ऐतबार है एक दिन ज़रूर आएगी।
उनका भरोसा मत करो,
जिनका ख्याल वक्त के साथ बदल जाऐ,
भरोसा उनका करो जिनका ख्याल तब भी,
वैसा ही रहे जब आपका वक्त बदल जाऐ।
प्यार में तो बस भरोसा होना चाहिए,
शक तो पूरी दुनिया करती हैं।
क्यो भरोसा करू किसी और पर,
जब खुद की आंखे खुद को धोखा दे।
एक बार फ़िर शक भरोसे से सबूत मांग रहा है,
हँस रही है क़िस्मत, फ़िर एक रिश्ता दफ़न हो रहा है।