जब प्यार करने वाले अपने जज़्बातों को दबाकर
रिश्तों को कोई दूसरा नाम देते है,
तो कभी न कभी कहीं न कहीं
जज्बातों फूट फूटके रोने लगते है।
कितना धोखा भरा था
तेरे मासूम शकल में,
हम भी पागल थे जो तेरी
इस मासूम सी शकल पर मर गए।
इतनी मोहब्बत क्यों की मैंने तुझसे,
अब ये सोच सोच कर
मुझे खुद से नफरत होने लगी है।
कुछ रिश्ते इतने अजीब होते है कि
उन्हें तोड़ने वाला
टूटने वाले से ज्यादा रोता है।
हम तो तुमसे दूर हुए थे,
अपनी कमी का एहसास दिलाने को,
लेकिन तुमने तो मेरे बिना जीना ही सीख लिया।
मोहब्बत तो दिल से की थी
दिमाग उसने लगा लिया,
दिल तोड दिया मेरा उसने
और इल्जाम मुझपर लगा दिया।
ढूंढ तो लेते अपने प्यार को हम,
शहर में भीड़ इतनी भी न थी,
पर रोक दी तलाश हमने,
क्योंकि वो खोये नहीं थे, बदल गये है।
प्यार और भरोसा कभी मत खोना क्यूंकि,
प्यार हर किसी से नहीं होता और
भरोसा हर किसी पर नहीं होता।
हमे देखकर
अनदेखा कर दिया उसने,
बंद आंखों से पहचानने का,
कभी दावा किया था जिसने।
दिल तोड़ने वाले का कुछ नही जाता है,
लेकिन जिसका दिल टूटता है,
उसका सब कुछ चला जाता है।
खामोशियां तो बया कर देती है
दिल के दर्द को मेरे,
पर दिल में दर्द इतना है
कि कुछ बोला नहीं जाता।