बारिश की बौछार जब चहरें पर पड़ती हैं,
वो बचपन की याद ताजा हो जाती हैं,
वो बचपन मे कागज की नाव बना कर,
बारिश की पानी में मस्ती याद आती है।
बरस जाये यहाँ भी कुछ नूर की बारिशें,
के ईमान के शीशों पे बड़ी गर्द जमी है,
उस तस्वीर को भी कर दे ताज़ा,
जिनकी याद हमारे दिल में धुंधली सी पड़ी है।
खुद भी रोता है मुझे भी रुला के जाता है,
ये बारिश का मौसम उसकी याद दिला के जाता है।
काश के बरस जाये यहाँ भी कुछ नूर की बारिशें,
के ईमान के शीशों पे बड़ी गर्द जमी है,
उस तस्वीर को भी कर दे ताज़ा,
जिनकी याद हमारे दिल में धुंधली हुई है।
आज आई बारिश तो याद आया वो जमाना,
वो तेरा छत पे रहना और मेरा सडको पे नहाना।
इन बारिशों से अदब-ए-मोहब्बत सीखो फ़राज़,
अगर ये रूठ भी जाएँ तो बरसती बहुत हैं।
तुमको बारिश पसंद है मुझे बारिश में तुम,
तुमको हँसना पसंद है मुझे हस्ती हुए तुम,
तुमको बोलना पसंद है मुझे बोलते हुए तुम,
तुमको सब कुछ पसंद है और मुझे बस तुम।
बारिश में चलने से एक बात याद आती है,
फिसलने के डर से डर से वो हाथ थाम लेता था।
ये ही एक फर्क है तेरे और मेरे शहर की बारिश में,
तेरे यहाँ 'जाम' लगता है, मेरे यहाँ 'जाम' लगते हैं।
दिल में अनजाना सा एहसास,
जैसे बारिश चुपके से कुछ कह रही है,
न जाने कौन सी कशिश है इस बारिश में,
जो साथ में यादें भी ले आई है।