कभी कभी हम गलत नहीं होते,
पर हमारे पास वह शब्द ही नहीं होते
जो हमें सही साबित कर सके।
कभी कभी हम गलत नहीं होते,
पर हमारे पास वह शब्द ही नहीं होते
जो हमें सही साबित कर सके।
कोई ठुकरा दे तो सह लेना,
क्योंकि मोहब्बत की फितरत में
जबरदस्ती नही होती है।
मोहब्बत तो दिल से की थी
दिमाग उसने लगा लिया,
दिल तोड दिया मेरा उसने
और इल्जाम मुझपर लगा दिया।
जो लोग सबकी फ़िक्र करते है,
अक्सर उन्ही लोगो की
कोई फ़िक्र करने वाला नही होता है।
हम तो तुमसे दूर हुए थे,
अपनी कमी का एहसास दिलाने को,
लेकिन तुमने तो मेरे बिना जीना ही सीख लिया।
अफ़सोस होता है उस पल
जब अपनी पसंद कोई ओर चुरा लेता है,
ख्वाब हम देखते है।
और हक़ीक़त कोई और बना लेता है।
इतनी मोहब्बत क्यों की मैंने तुझसे,
अब ये सोच सोच कर
मुझे खुद से नफरत होने लगी है।
खामोशियां तो बया कर देती है
दिल के दर्द को मेरे,
पर दिल में दर्द इतना है
कि कुछ बोला नहीं जाता।
कितना धोखा भरा था
तेरे मासूम शकल में,
हम भी पागल थे जो तेरी
इस मासूम सी शकल पर मर गए।
तू मेरी चाहत का एक लफ्ज़ भी नहीं पढ़ सकी,
और मैं तेरे दिए हुए दर्द की किताब
को रोज़ पढ़ते पढ़ते सोता हूँ।
ढूंढ तो लेते अपने प्यार को हम,
शहर में भीड़ इतनी भी न थी,
पर रोक दी तलाश हमने,
क्योंकि वो खोये नहीं थे, बदल गये है।
हमने हर पल दुआ मांगी थी,
उसके साथ रहने की,
और वो मेरे हर पल साथ है,
लेकिन एक याद बन कर।