ज़रा ठहरो, बारिश थम जाए तो फिर चले जाना,
किसी का तुझ को छू लेना मुझे अच्छा नहीं लगता।
तुमको बारिश पसंद है मुझे बारिश में तुम,
तुमको हँसना पसंद है मुझे हस्ती हुए तुम,
तुमको बोलना पसंद है मुझे बोलते हुए तुम,
तुमको सब कुछ पसंद है और मुझे बस तुम।
ये बारिश की बूंदे प्यार भरा संगीत है,
हवा के साथ अठखेलियां करती हैं,
खिड़कियां खोल कर इन्हें छूने का,
इंतजार आज भी हथेलियां करती हैं।
ये बारिश भी कितनी अजीब है,
पूरे तन को तो भीगा देती है,
मगर उसके सामने आँसू छुपाने में,
मेरी मदद नहीं कर पाती है।
बारिश के पानी को अपने हाथों में समेट लो,
जितना आप समेट पाये उतना आप हमें चाहते है,
और जितना न समेट पाए उतना हम आप को चाहते है।
इन बारिशों से अदब-ए-मोहब्बत सीखो फ़राज़,
अगर ये रूठ भी जाएँ तो बरसती बहुत हैं।
ये मौसम है बारिश का और याद तुम्हारी आती है,
बारिश के हर कतरे से आवाज़ तुम्हारी आती है,
बादल जब गरजते हैं दिल की धड़कन बढ़ जाती है,
दिल की हर एक धड़कन से आवाज़ तुम्हारी आती है,
तुम्हें बारिश पसंद है मुझे बारिश में तुम,
तुम्हें हँसना पसंद है मुझे हस्ती हुए तुम,
तुम्हें बोलना पसंद है मुझे बोलते हुए तुम,
तुम्हें सब कुछ पसंद है और मुझे बस तुम।
बारिश के बाद अक्सर,
मेरा दिल डूब सा जाता है,
दोस्त के तू भी कहीं मुझे छोड़ कर
चला न जाये कहीं इन बादलो कि तरह।
खुद भी रोता है मुझे भी रुला देता है,
ये बारिश का मौसम उसकी याद दिला देता है।