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अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं

अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहींअपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं,
सर कटा सकते है लेकिन सर झुका सकते नहीं।

भरा नही जो भावों से बहती जिसमें रसधार नहीभरा नही जो भावों से बहती जिसमें रसधार नही,
हृदय नही वह पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं।

यहीं रहूँगा उम्र भर कहीं न जाउँगायहीं रहूँगा उम्र भर कहीं न जाउँगा,
ज़मीन माँ है इसे छोड़ कर न जाऊँगा।

जो अब तक ना खौला वो खून नहीं पानी हैजो अब तक ना खौला वो खून नहीं पानी है,
जो देश के काम ना आए वो बेकार की जवानी है।

वतन की मोहब्बत दिल में दबाये बैठे हैवतन की मोहब्बत दिल में दबाये बैठे है,
मरेगे वतन के लिए शर्त शहादत से लगाये बैठे है।

चाहता हूँ कोई नेक काम हो जाएचाहता हूँ कोई नेक काम हो जाए,
मेरी हर साँस देश के नाम हो जाए।

यही ख्वाहिश है कि हर जन्म हिन्दुस्तान वतन देनायही ख्वाहिश है कि हर जन्म हिन्दुस्तान वतन देना,
अगर देना तो दिल में देश भक्ति का चलन देना।

अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहींअपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं,
सर कटा सकते है लेकिन सर झुका सकते नहीं।

न केशरिया मेरा है न हरा मेरा हैन केशरिया मेरा है न हरा मेरा है,
मेरा धर्म हिन्दुस्तानी है, पूरा तिरंगा मेरा है।

भारत की फ़िज़ाओं को सदा याद रहूँगाभारत की फ़िज़ाओं को सदा याद रहूँगा,
आज़ाद था आज़ाद हूँ आज़ाद रहूँगा।

दिवाली में बसे अली रमजान में बसे रामदिवाली में बसे अली, रमजान में बसे राम,
ऐसा सुंदर होना चाहिए अपना हिन्दुस्तान।

उन आँखों की दो बूंदों से सातों सागर हारे हैउन आँखों की दो बूंदों से सातों सागर हारे है,
जब मेहँदी वाले हाथों ने मंगल-सूत्र उतारे है।

अलग है भाषा धरम जात और प्रान्त भेष परिवेशअलग है भाषा, धरम, जात और प्रान्त, भेष, परिवेश,
पर सबका एक है गौरव राष्ट्रध्वज तिरंगा श्रेष्ठ।

फौजी है जिंदगी हमारी अंत इसी में होगाफौजी है जिंदगी हमारी, अंत इसी में होगा,
बारूद बन कर चिता जलेगी कफन वर्दी का होगा।

लिपट कर बदन कई तिरंगे में आज भी आते हैलिपट कर बदन कई तिरंगे में आज भी आते है,
यूँ ही नहीं दोस्तों हम ये पर्व मनाते है।

शमा-ए-वतन की लौ पर जब कुर्बान पतंगा होशमा-ए-वतन की लौ पर जब कुर्बान पतंगा हो,
होठों पर गंगा हो और हाथों में तिरंगा हो।

खून से होली खेलेंगे अगर देश संकट में हैखून से होली खेलेंगे अगर देश संकट में है,
सरफरोशी की इच्छा अब हमारे दिल में है।

चूमा था वीरों ने फांसी का फंदाचूमा था वीरों ने फांसी का फंदा,
यूँ ही नहीं मिली थी आजादी खैरात में।

मेरी धरती हम सबका ये वतनमेरी धरती हम सबका, ये वतन,
मुझे ज़िन्दगी से भी प्यारा है मेरा ये वतन।

देशभक्ति को अपनी सासों में बसना हैदेशभक्ति को अपनी सासों में बसना है,
अपने तिरंगे को पुरे जहा में फेहराना है।

मेरी जान है वतन मेरी पहचान है वतनमेरी जान है वतन मेरी पहचान है वतन,
मेरे देश की मिटटी मेरा ये वतन।


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