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अपनी आजादी को हम हरगिज मिटा सकते नही

अपनी आजादी को हम हरगिज मिटा सकते नहीअपनी आजादी को हम हरगिज मिटा सकते नही,
सर कटा सकते है लेकिन सर झुका सकते नही।

एक दीप उनके नाम का भी रखना थाली मेंएक दीप उनके नाम का भी रखना थाली में,
जिनकी साँसे थम गयी देश की रखवाली में।

अपनी आजादी को हम हरगिज मिटा सकते नहीअपनी आजादी को हम हरगिज मिटा सकते नही,
सर कटा सकते है लेकिन सर झुका सकते नही।

यही ख्वाहिश है कि हर जन्म हिन्दुस्तान वतन देनायही ख्वाहिश है कि हर जन्म हिन्दुस्तान वतन देना,
अगर देना तो दिल में देश भक्ति का चलन देना।

शमा-ए-वतन की लौ पर जब कुर्बान पतंगा होशमा-ए-वतन की लौ पर जब कुर्बान पतंगा हो,
होठों पर गंगा हो और हाथों में तिरंगा हो।

यहीं रहूँगा उम्र भर कहीं न जाउँगायहीं रहूँगा उम्र भर कहीं न जाउँगा,
ज़मीन माँ है इसे छोड़ कर न जाऊँगा।

फौजी है जिंदगी हमारी अंत इसी में होगाफौजी है जिंदगी हमारी, अंत इसी में होगा,
बारूद बन कर चिता जलेगी कफन वर्दी का होगा।

जो अब तक ना खौला वो खून नहीं पानी हैजो अब तक ना खौला वो खून नहीं पानी है,
जो देश के काम ना आए वो बेकार की जवानी है।

न केशरिया मेरा है न हरा मेरा हैन केशरिया मेरा है न हरा मेरा है,
मेरा धर्म हिन्दुस्तानी है, पूरा तिरंगा मेरा है।

यही हिम्मत का धन देना अगर देनायही हिम्मत का धन देना अगर देना,
तो दिल में देशभक्ति का चलन देना।

खून से होली खेलेंगे अगर देश संकट में हैखून से होली खेलेंगे अगर देश संकट में है,
सरफरोशी की इच्छा अब हमारे दिल में है।

लिपट कर बदन कई तिरंगे में आज भी आते हैलिपट कर बदन कई तिरंगे में आज भी आते है,
यूँ ही नहीं दोस्तों हम ये पर्व मनाते है।

अलग है भाषा धरम जात और प्रान्त भेष परिवेशअलग है भाषा, धरम, जात और प्रान्त, भेष, परिवेश,
पर सबका एक है गौरव राष्ट्रध्वज तिरंगा श्रेष्ठ।

मेरी धरती हम सबका ये वतनमेरी धरती हम सबका, ये वतन,
मुझे ज़िन्दगी से भी प्यारा है मेरा ये वतन।

दुश्मन की गोलियों का सामना करेंगेदुश्मन की गोलियों का सामना करेंगे,
आज़ाद है और आज़ाद रहेंगे।

मुझे ना तन चाहिए ना धन चाहिएमुझे ना तन चाहिए, ना धन चाहिए,
बस अमन से भरा यह वतन चाहिए।

उन आँखों की दो बूंदों से सातों सागर हारे हैउन आँखों की दो बूंदों से सातों सागर हारे है,
जब मेहँदी वाले हाथों ने मंगल-सूत्र उतारे है।

चूमा था वीरों ने फांसी का फंदाचूमा था वीरों ने फांसी का फंदा,
यूँ ही नहीं मिली थी आजादी खैरात में।

मेरी जान है वतन मेरी पहचान है वतनमेरी जान है वतन मेरी पहचान है वतन,
मेरे देश की मिटटी मेरा ये वतन।

वतन की सर बुलंदी में हमारा नाम हो शामिलवतन की सर बुलंदी में, हमारा नाम हो शामिल,
गुजरते रहना है हमको सदा ऐसे मुकामो से।

देशभक्ति को अपनी सासों में बसना हैदेशभक्ति को अपनी सासों में बसना है,
अपने तिरंगे को पुरे जहा में फेहराना है।


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