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रातो में टुटी छतों पे टपकता है चाँद

रातो में टुटी छतों पे टपकता है चाँदरातो में टुटी छतों पे टपकता है चाँद,
बारिशों सी हरकते भी करता है चाँद।

रात को रोज़ डूब जाता हैरात को रोज़ डूब जाता है,
चाँद को तैरना सिखाना है मुझे।

तुझको देखा तो फिर उसको ना देखा मैंनेतुझको देखा तो फिर उसको ना देखा मैंने,
चाँद कहता रह गया मैं चाँद हूँ, मैं चाँद हूँ।

चाँद मत माग मेरे चाँद जमी पर रहकरचाँद मत माग मेरे चाँद जमी पर रहकर,
खुद को पहचान मेरी जान खुदी में रहकर।

चांद की रोशनी की ज़रूरत नहीं है अब मुझकोचांद की रोशनी की ज़रूरत नहीं है अब मुझको,
क्यूंकि तुम जो मेरे घर को तशरीफ़ लाए हो।

ना उठी नजर कभी चांद की तरफना उठी नजर कभी चांद की तरफ,
जो घर में तेरा तशरीफ़ हो गया है अब।

बंद रखते है जुबान लब नहीं खोला करतेबंद रखते है जुबान लब नहीं खोला करते,
चाँद के सामने तारे नहीं बोला करते।

कभी तो आसमान से चाँद उतरे जाम हो जाएकभी तो आसमान से चाँद उतरे जाम हो जाए,
तुम्हारे नाम की एक ख़ूबसूरत शाम हो जाए।

चाँद है ज़ेरे-क़दम सूरज खिलौना हो गयाचाँद है ज़ेरे-क़दम सूरज खिलौना हो गया,
हाँ, मगर इस दौर में क़िरदार बौना हो गया।

वो चाँद कह के गया था कि आज निकलेगावो चाँद कह के गया था कि आज निकलेगा,
तो इंतिज़ार में बैठा हुआ हूँ शाम से ही मैं।

मुझे ये ज़िद है कभी चाँद को असीर करूँमुझे ये ज़िद है कभी चाँद को असीर करूँ,
सो अब के दरिया में एक दाएरा बनाना है।

मुन्तजिर हूं कि तारों को जरा आंख लगेमुन्तजिर हूं कि तारों को जरा आंख लगे,
चांद को बुला लूंगा आंगन में इशारा कर के।

चांद कह कर गया था के रौशनी देगा मेरे घर मेंचांद कह कर गया था के रौशनी देगा मेरे घर में,
इसलिए बिन जलाए चिराग घर में बैठा हूं आज मैं।

हर रात बीताई है कुछ इसी यादों मेंहर रात बीताई है कुछ इसी यादों में,
चांद आएगा कभी तो मेरे दरवाजों पे।

मेरा और चाँद का मुक़द्दर एक जैसा हैमेरा और चाँद का मुक़द्दर एक जैसा है,
वो तारो में अकेला मैं हजारो में अकेला।

कितना भी इश्क़ करले चांद से ए रातकितना भी इश्क़ करले चांद से ए रात,
तेरे मुकद्दर में अंधेरा ही लिखा है।

बेसबब मुस्कुरा रहा है चाँदबेसबब मुस्कुरा रहा है चाँद,
कोई साजिश छुपा रहा है चाँद।

चाँद का हुस्न भी ज़मीन से हैचाँद का हुस्न भी ज़मीन से है,
चाँद पर चाँदनी नहीं होती।

भीड़ में रह कर अपना भी कब रह पाताभीड़ में रह कर अपना भी कब रह पाता,
चाँद अकेला है तो सब का लगता है।

चाँद बन कर चमकने वाले नेचाँद बन कर चमकने वाले ने,
मुझ को सूरज-मिसाल कर डाला।

क्यों मेरी तरह रातों को रहता है परेशानक्यों मेरी तरह रातों को रहता है परेशान,
ऐ चाँद बता किस से तेरी आँख लड़ी है।


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