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क्यूँ मेरी तरह रातों को रहता है परेशाँ

क्यूँ मेरी तरह रातों को रहता है परेशाँक्यूँ मेरी तरह रातों को रहता है परेशाँ,
ऐ चाँद बता किस से तेरी आँख लड़ी है।

चाँद है ज़ेरे-क़दम सूरज खिलौना हो गयाचाँद है ज़ेरे-क़दम सूरज खिलौना हो गया,
हाँ, मगर इस दौर में क़िरदार बौना हो गया।

मोहब्बत थी तो चाँद अच्छा थामोहब्बत थी तो चाँद अच्छा था,
उतर गयी तो दाग दिखने लगे।

पूनम का चाँद पाने की कोशिश हरचंद थीपूनम का चाँद पाने की कोशिश हरचंद थी,
बताते है खंडहर की इमारत कभी बुलंद थी।

रहने दो अभी चाँद सा चेहरा मिरे आगेरहने दो अभी चाँद सा चेहरा मिरे आगे,
मय और पिलाओ कि अभी रात बहुत है।

भीड़ में रह कर अपना भी कब रह पाताभीड़ में रह कर अपना भी कब रह पाता,
चाँद अकेला है तो सब का लगता है।

कभी तो आसमान से चाँद उतरे जाम हो जाएकभी तो आसमान से चाँद उतरे जाम हो जाए,
तुम्हारे नाम की एक ख़ूबसूरत शाम हो जाए।

मेरा और चाँद का मुक़द्दर एक जैसा हैमेरा और चाँद का मुक़द्दर एक जैसा है,
वो तारो में अकेला मैं हजारो में अकेला।

हर रात बीताई है कुछ इसी यादों मेंहर रात बीताई है कुछ इसी यादों में,
चांद आएगा कभी तो मेरे दरवाजों पे।

क्यों मेरी तरह रातों को रहता है परेशानक्यों मेरी तरह रातों को रहता है परेशान,
ऐ चाँद बता किस से तेरी आँख लड़ी है।

चलो चाँद का किरदार अपना लें हम दोस्तोचलो चाँद का किरदार अपना लें हम दोस्तो,
दाग अपने पास रखें और रौशनी बाँट दें।

रातो में टुटी छतों पे टपकता है चाँदरातो में टुटी छतों पे टपकता है चाँद,
बारिशों सी हरकते भी करता है चाँद।

ना उठी नजर कभी चांद की तरफना उठी नजर कभी चांद की तरफ,
जो घर में तेरा तशरीफ़ हो गया है अब।

चलो चाँद का किरदार अपना लें हमचलो चाँद का किरदार अपना लें हम,
दाग अपने पास रखें और रौशनी बाँट दें।

मेरा और चांद का क़िस्मत एक जैसा हैमेरा और चांद का क़िस्मत एक जैसा है
वो तारों में अकेला और मैं हजारों में अकेला।

चाँद का हुस्न भी ज़मीन से हैचाँद का हुस्न भी ज़मीन से है,
चाँद पर चाँदनी नहीं होती।

बेसबब मुस्कुरा रहा है चाँदबेसबब मुस्कुरा रहा है चाँद,
कोई साजिश छुपा रहा है चाँद।

तन्हा उदास चाँद को समझो न बेखबरतन्हा उदास चाँद को समझो न बेखबर,
हर बात सुन रहा है, मगर बोलता नहीं।

क्यूँ मेरी तरह रातों को रहता है परेशाँक्यूँ मेरी तरह रातों को रहता है परेशाँ,
ऐ चाँद बता किस से तेरी आँख लड़ी है।

तुझको देखा तो फिर उसको ना देखा मैंनेतुझको देखा तो फिर उसको ना देखा मैंने,
चाँद कहता रह गया मैं चाँद हूँ, मैं चाँद हूँ।

चांद की रोशनी की ज़रूरत नहीं है अब मुझकोचांद की रोशनी की ज़रूरत नहीं है अब मुझको,
क्यूंकि तुम जो मेरे घर को तशरीफ़ लाए हो।


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