Trending - Holi

Thursday | Army | Attitude | Congratulations 🎉 | Good Morning 🌞 | Good Night 😴 | Love 💕 | Motivational 🔥 | Rain 🌧️ | Sad 😢 | Name On Cake 🎂


Home Chand Shayari Chand Shayari 2 Line Images in Hindi

चाँद है ज़ेरे-क़दम सूरज खिलौना हो गया

चाँद है ज़ेरे-क़दम सूरज खिलौना हो गयाचाँद है ज़ेरे-क़दम सूरज खिलौना हो गया,
हाँ, मगर इस दौर में क़िरदार बौना हो गया।

रातो में टुटी छतों पे टपकता है चाँदरातो में टुटी छतों पे टपकता है चाँद,
बारिशों सी हरकते भी करता है चाँद।

चाँद का हुस्न भी ज़मीन से हैचाँद का हुस्न भी ज़मीन से है,
चाँद पर चाँदनी नहीं होती।

कितना भी इश्क़ करले चांद से ए रातकितना भी इश्क़ करले चांद से ए रात,
तेरे मुकद्दर में अंधेरा ही लिखा है।

बेसबब मुस्कुरा रहा है चाँदबेसबब मुस्कुरा रहा है चाँद,
कोई साजिश छुपा रहा है चाँद।

चलो चाँद का किरदार अपना लें हमचलो चाँद का किरदार अपना लें हम,
दाग अपने पास रखें और रौशनी बाँट दें।

बंद रखते है जुबान लब नहीं खोला करतेबंद रखते है जुबान लब नहीं खोला करते,
चाँद के सामने तारे नहीं बोला करते।

क्यों मेरी तरह रातों को रहता है परेशानक्यों मेरी तरह रातों को रहता है परेशान,
ऐ चाँद बता किस से तेरी आँख लड़ी है।

रहने दो अभी चाँद सा चेहरा मिरे आगेरहने दो अभी चाँद सा चेहरा मिरे आगे,
मय और पिलाओ कि अभी रात बहुत है।

क्यूँ मेरी तरह रातों को रहता है परेशाँक्यूँ मेरी तरह रातों को रहता है परेशाँ,
ऐ चाँद बता किस से तेरी आँख लड़ी है।

मुन्तजिर हूं कि तारों को जरा आंख लगेमुन्तजिर हूं कि तारों को जरा आंख लगे,
चांद को बुला लूंगा आंगन में इशारा कर के।

इश्क़ में झुक जाना कोई गलत बात नहींइश्क़ में झुक जाना कोई गलत बात नहीं,
चमकता सूरज भी तो डूब जाता है चांद के लिए।

चाँद बन कर चमकने वाले नेचाँद बन कर चमकने वाले ने,
मुझ को सूरज-मिसाल कर डाला।

मेरा और चाँद का मुक़द्दर एक जैसा हैमेरा और चाँद का मुक़द्दर एक जैसा है,
वो तारो में अकेला मैं हजारो में अकेला।

देख ये चाँद नदी फूल न जादेख ये चाँद, नदी, फूल, न जा,
रुत में रस, शब में नशा बाक़ी है।

तन्हा उदास चाँद को समझो न बेखबरतन्हा उदास चाँद को समझो न बेखबर,
हर बात सुन रहा है, मगर बोलता नहीं।

पूनम का चाँद पाने की कोशिश हरचंद थीपूनम का चाँद पाने की कोशिश हरचंद थी,
बताते है खंडहर की इमारत कभी बुलंद थी।

मुझे ये ज़िद है कभी चाँद को असीर करूँमुझे ये ज़िद है कभी चाँद को असीर करूँ,
सो अब के दरिया में एक दाएरा बनाना है।

चांद कह कर गया था के रौशनी देगा मेरे घर मेंचांद कह कर गया था के रौशनी देगा मेरे घर में,
इसलिए बिन जलाए चिराग घर में बैठा हूं आज मैं।

ना उठी नजर कभी चांद की तरफना उठी नजर कभी चांद की तरफ,
जो घर में तेरा तशरीफ़ हो गया है अब।

भीड़ में रह कर अपना भी कब रह पाताभीड़ में रह कर अपना भी कब रह पाता,
चाँद अकेला है तो सब का लगता है।


Categories