पूछते थे ना कितना प्यार है तुम्हे हमसे,
लो अब गिन लो... बारिश की ये बूँदें।
बारिश थी, भीगी रात थी, मैं भीगता रहा,
क़दमों के तेरे सब निशान मैं खोजता रहा।
बादल जब गरजते हैं दिल की धड़कन बढ़ जाती है,
दिल की हर एक धड़कन से आवाज़ तुम्हारी आती है,
जब तेज हवाएं चलती हैं तो जान हमारी जाती है,
ये मौसम है बारिश का और याद तुम्हारी आती है।
बारिश के बाद अक्सर,
मेरा दिल डूब सा जाता है,
दोस्त के तू भी कहीं मुझे छोड़ कर
चला न जाये कहीं इन बादलो कि तरह।
दिल की बातें कौन जाने,
मेरे हालात को कौन जाने,
बस बारिश का मौसम है,
मेरी प्यास का एहसास कौन जाने।
सुना है बारिश में दुआ क़बूल होती है,
अगर हो इज्जाजत तो मांग लू तुम्हे?
बारिश और मोहब्बत दोनो ही यादगार होते हैं,
बारिश में जिस्म भीगता है और मोहब्बत में आँखें।
ए बारिश ज़रा थम के बरस,
जब मेरा यार आ जाए तो जम के बरस,
पहले ना बरस की वो आ ना सके,
फिर इतना बरस की वो जा ना सके।
वह भी कुछ तड़पा होगा मौसम की पहली बारिश में,
प्यार मेरा याद आया होगा मौसम की पहली बारिश में,
उड़ते उड़ते जब दो बादल एक हुए होंगे पर्वत पर,
उसका दामन भीगा होगा मौसम की पहली बारिश में।
हम भीगते हैं जिस तरह से तेरी यादों में डूबकर,
इस बारिश में कहाँ वो कशिश तेरे ख्यालों जैसी।