काश के बरस जाये यहाँ भी कुछ नूर की बारिशें,
के ईमान के शीशों पे बड़ी गर्द जमी है,
उस तस्वीर को भी कर दे ताज़ा,
जिनकी याद हमारे दिल में धुंधली हुई है।
दिल में अनजाना सा एहसास,
जैसे बारिश चुपके से कुछ कह रही है,
न जाने कौन सी कशिश है इस बारिश में,
जो साथ में यादें भी ले आई है।
पूछते थे ना कितना प्यार है तुम्हे हमसे,
लो अब गिन लो... बारिश की ये बूँदें।
आज हल्की हल्की बारिश है,
आज सर्द हवा का रक्स भी है,
आज फूल भी निखरे निखरे हैं,
आज उनमे तुम्हारा अक्स भी है।
तुम्हें बारिश पसंद है मुझे बारिश में तुम,
तुम्हें हँसना पसंद है मुझे हस्ती हुए तुम,
तुम्हें बोलना पसंद है मुझे बोलते हुए तुम,
तुम्हें सब कुछ पसंद है और मुझे बस तुम।
बारिश के बाद अक्सर,
मेरा दिल डूब सा जाता है,
दोस्त के तू भी कहीं मुझे छोड़ कर
चला न जाये कहीं इन बादलो कि तरह।
दिल की बातें कौन जाने,
मेरे हालात को कौन जाने,
बस बारिश का मौसम है,
मेरी प्यास का एहसास कौन जाने।
सुना है बहुत बारिश है तुम्हारे शहर में,
ज्यादा भीगना मत,
अगर धूल गई सारी ग़लतफहमियां,
तो फिर बहुत याद आएंगे हम।
ये ही एक फर्क है तेरे और मेरे शहर की बारिश में,
तेरे यहाँ 'जाम' लगता है, मेरे यहाँ 'जाम' लगते हैं।
तुमको बारिश पसंद है मुझे बारिश में तुम,
तुमको हँसना पसंद है मुझे हस्ती हुए तुम,
तुमको बोलना पसंद है मुझे बोलते हुए तुम,
तुमको सब कुछ पसंद है और मुझे बस तुम।