हर इक पल सामने मेरे तुम्हारा ही ये चेहरा हो,
तुम्हारी ही महक लाता हवाओं का ये पहरा हो,
तुम्हारे प्यार में पागल हुआ दिल कह रहा है अब,
तुम्हें मुझ पर भरोसा और गहरा और गहरा हो।
अब ज़रा सा भी किसी पर भरोसा नही होता हैं,
और जब भी होता हैं दर्द बड़ा ही बेहद होता हैं।
भरोसे के बाज़ार में जिंदगी बेची थी मैंने,
तब जा के कहीं पाया हैं ये लहेजा मैंने।
भरोसा तब नहीं टूटता जब कोई रूठ जाता है,
भरोसा तब टूटता है जब कोई दिल तोड़ जाता है।
रिश्ते दिल टूटने पर नहीं,
भरोसा टूटने पर बिखरते है।
बेशक किसी को माफ बार-बार करो,
लेकिन भरोसा सिर्फ एक बार करो।
जब सब तोल रहे थे मुझे ना उम्मीदी के तराज़ू में,
एक वही तो था जिसने भरोसा जताया मुझ में।
नसीब से ज्यादा भरोसा किया था तुम पर,
नसीब इतना नहीं बदला जितना तुम बदल गये।
बहुत ख़ामोशी से टूट गया,
वो एक भरोसा जो उस पे था।
अब इन लहरो पर क्या भरोसा करूं,
जब वो मेरे विपरीत ही चल रही है,
मुझे तो इन हवाओं पर भरोसा है,
जो मेरे पतवार को सहारा दे रही है।