बारिशें कुछ इस तरह से होती रहीं मुझ पे,
ख्वाहिशें सूखती रहीं और पलकें रोतीं रहीं।
बादल जब गरजते हैं दिल की धड़कन बढ़ जाती है,
दिल की हर एक धड़कन से आवाज़ तुम्हारी आती है,
जब तेज हवाएं चलती हैं तो जान हमारी जाती है,
ये मौसम है बारिश का और याद तुम्हारी आती है।
बारिश में चलने से एक बात याद आती है,
फिसलने के डर से डर से वो हाथ थाम लेता था।
ये मौसम है बारिश का और याद तुम्हारी आती है,
बारिश के हर कतरे से आवाज़ तुम्हारी आती है,
बादल जब गरजते हैं दिल की धड़कन बढ़ जाती है,
दिल की हर एक धड़कन से आवाज़ तुम्हारी आती है,
काश के बरस जाये यहाँ भी कुछ नूर की बारिशें,
के ईमान के शीशों पे बड़ी गर्द जमी है,
उस तस्वीर को भी कर दे ताज़ा,
जिनकी याद हमारे दिल में धुंधली हुई है।
ये ही एक फर्क है तेरे और मेरे शहर की बारिश में,
तेरे यहाँ 'जाम' लगता है, मेरे यहाँ 'जाम' लगते हैं।
हम बारिश की बुँदे समझ बैठे जिसे,
वो उसकी आँखों से निकले आंसू थे,
दर्द था उसके दिल का वो,
लेकिन हम बारिश की मस्ती में बेकाबू थे।
हम भीगते हैं जिस तरह से तेरी यादों में डूबकर,
इस बारिश में कहाँ वो कशिश तेरे ख्यालों जैसी।
वह भी कुछ तड़पा होगा मौसम की पहली बारिश में,
प्यार मेरा याद आया होगा मौसम की पहली बारिश में,
उड़ते उड़ते जब दो बादल एक हुए होंगे पर्वत पर,
उसका दामन भीगा होगा मौसम की पहली बारिश में।
कीमत बारिश की कोई हम से पूछो,
औरों को तो यह कीचड़ का कारण लगती है,
दिल सुलगता है याद में उसकी,
हर बूँद में बारिश की उसकी सूरत दिखती है।
खुद भी रोता है मुझे भी रुला देता है,
ये बारिश का मौसम उसकी याद दिला देता है।
दिल की बातें कौन जाने,
मेरे हालात को कौन जाने,
बस बारिश का मौसम है,
मेरी प्यास का एहसास कौन जाने।
इन बारिशों से अदब-ए-मोहब्बत सीखो फ़राज़,
अगर ये रूठ भी जाएँ तो बरसती बहुत हैं।
मेरे ख्यालों में वही सपनो में वही,
लेकिन उनकी यादों में हम थे ही नहीं,
हम जागते रहे दुनियां सोती रही,
एक बारिश ही थी जो हमारे साथ रोती रही।
कहीं फिसल न जाओ जरा संभल के चलना,
मौसम बारिश का भी है और मोहब्बत का भी।
बारिश का यह मौसम कुछ याद दिलाता है,
किसी के साथ होने का एहसास दिलाता है,
फिजा भी सर्द है यादें भी ताज़ा हैं,
यह मौसम किसी का प्यार दिल में जगाता है।
खुद भी रोता है मुझे भी रुला के जाता है,
ये बारिश का मौसम उसकी याद दिला के जाता है।
आज मौसम कितना खुश गंवार हो गया,
खत्म सभी का इंतज़ार हो गया,
बारिश की बूंदे गिरी कुछ इस तरह से,
लगा जैसे आसमान को ज़मीन से प्यार हो गया।
तुम्हें बारिश पसंद है मुझे बारिश में तुम,
तुम्हें हँसना पसंद है मुझे हस्ती हुए तुम,
तुम्हें बोलना पसंद है मुझे बोलते हुए तुम,
तुम्हें सब कुछ पसंद है और मुझे बस तुम।
बारिश और मोहब्बत दोनो ही यादगार होते हैं,
बारिश में जिस्म भीगता है और मोहब्बत में आँखें।
आज हल्की हल्की बारिश है,
आज सर्द हवा का रक्स भी है,
आज फूल भी निखरे निखरे हैं,
आज उनमे तुम्हारा अक्स भी है।
मत पूछो कितनी मोहब्बत है मुझे उनसे,
बारिश की बूँद भी अगर उन्हें छू जाती है,
तो दिल में आग लग जाती है।
बरस जाये यहाँ भी कुछ नूर की बारिशें,
के ईमान के शीशों पे बड़ी गर्द जमी है,
उस तस्वीर को भी कर दे ताज़ा,
जिनकी याद हमारे दिल में धुंधली सी पड़ी है।
पूछते थे ना कितना प्यार है तुम्हे हमसे,
लो अब गिन लो... बारिश की ये बूँदें।
ज़रा ठहरो, बारिश थम जाए तो फिर चले जाना,
किसी का तुझ को छू लेना मुझे अच्छा नहीं लगता।
ख़ुद को इतना भी न बचाया कर,
बारिशें हुआ करे तो भीग जाया कर।
बारिश में आज भीग जाने दो,
बूंदों को आज बरस जाने दो,
न रोको यूँ खुद को आज,
भीग जाने दो इस दिल को आज।
सुना है बहुत बारिश है तुम्हारे शहर में,
ज्यादा भीगना मत,
अगर धूल गई सारी ग़लतफहमियां,
तो फिर बहुत याद आएंगे हम।
तुमको बारिश पसंद है मुझे बारिश में तुम,
तुमको हँसना पसंद है मुझे हस्ती हुए तुम,
तुमको बोलना पसंद है मुझे बोलते हुए तुम,
तुमको सब कुछ पसंद है और मुझे बस तुम।
बारिश थी, भीगी रात थी, मैं भीगता रहा,
क़दमों के तेरे सब निशान मैं खोजता रहा।
ए बारिश ज़रा थम के बरस,
जब मेरा यार आ जाए तो जम के बरस,
पहले ना बरस की वो आ ना सके,
फिर इतना बरस की वो जा ना सके।
बारिश इतनी हुई की तमाम शहर धुल गया,
बस एक तेरे इश्क़ का रंग ही मुझसे न उतरा।
आज जम कर बारिश आई,
तुम बारिश में भीग ली,
और तुम्हें बारिश में भीगते देख,
मैं प्रेम कविताओं में भीग रहा हूं।
बारिश की बौछार जब चहरें पर पड़ती हैं,
वो बचपन की याद ताजा हो जाती हैं,
वो बचपन मे कागज की नाव बना कर,
बारिश की पानी में मस्ती याद आती है।
बारिश की बूंदों सा ये दिल गिरता बरसता है,
तुम पास होते हो मगर फिर भी तरसता रहता है।
ये इश्क़ का मौसम अजीब है जनाब,
इस बारिश में कई रिश्ते धुल जाते है,
बेगानों से करते है मोहब्बत कुछ लोग,
और अपनों के ही आंसू भूल जाते है।
ये बारिश अपने साथ साथ,
तुम्हारी यादो की बौछार लाई है,
तनहाई के इस आलम में,
खुशियां बेशुमार लाई है।
ये बारिश की बूंदे प्यार भरा संगीत है,
हवा के साथ अठखेलियां करती हैं,
खिड़कियां खोल कर इन्हें छूने का,
इंतजार आज भी हथेलियां करती हैं।
पेडों की तरह हुस्न की बारिश में नहा लूं,
बादल की तरह झूम के घिर आओ किसी दिन।
दिल में अनजाना सा एहसास,
जैसे बारिश चुपके से कुछ कह रही है,
न जाने कौन सी कशिश है इस बारिश में,
जो साथ में यादें भी ले आई है।