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Home Barsaat Shayari Barsaat Shayari in Hindi - बरसात शायरी इन हिंदी

मुझे भाता है हर पल ही तुम्हारे साथ का मौसम

मुझे भाता है हर पल ही तुम्हारे साथ का मौसममुझे भाता है हर पल ही तुम्हारे साथ का मौसम,
कभी ये धूप गरमी की कभी बरसात का मौसम।
हैं तेरे संग जो बीती सभी शामें हसीं बीती,
मुझे अब याद आता है, वो मिठी बात का मौसम।

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इस भीगे भीगे मौसम में थी आस तुम्हारे आने कीइस भीगे भीगे मौसम में थी आस तुम्हारे आने की,
तुमको अगर फुर्सत ही नहीं तो आग लगे बरसातों को।

कितनी जल्दी से मुलाकात गुजर जाती हैकितनी जल्दी से मुलाकात गुजर जाती है,
प्यास बुझती नही बरसात गुजर जाती है,
अपनी यादों से कहो की यूँ ना सताया करे,
नींद आती नही और रात गुजर जाती है।

आशिक तो आँखों की बात समझ लेते हैंआशिक तो आँखों की बात समझ लेते हैं,
सपनो में मिल जाये तो मुलाकात समझ लेते हैं,
रोता तो आसमान भी है अपने बिछड़े प्यार के लिए,
पर लोग उसे बरसात समझ लेते हैं।

कुछ तो चाहत रही होगी ईन बरसात की बुंदों कि भीकुछ तो चाहत रही होगी,
ईन बरसात की बुंदों कि भी,
वरना कोन गिरता है जमीन पर,
आसमान तक पहुँचने के बाद।

बरसात की पहली बूंद हो तुमबरसात की पहली बूंद हो तुम,
बरसात के बाद का सुकून हो तुम,
बरसात के बाद प्यासे को मिला एहसास हो तुम,
गर्मी, जाड़े, पतझड़ और बरसात का,
मिला जुला संगम हो तुम।

ये बरसात की बूंदे तुम्हे भी तो भिगाती होंगीये बरसात की बूंदे तुम्हे भी तो भिगाती होंगी,
फिर शायद याद तुम्हे भी मेरी आती होंगी।

पन्नें उलटे उम्र के पलट गयी बरसातपन्नें उलटे उम्र के, पलट गयी बरसात,
आँखों आँखों में कटी, कल की भीगी रात।

चांद को मामा बताए अब वो रात नहीं होतीचांद को मामा बताए अब वो रात नहीं होती,
सावन के झूलों से अब सखियों कि बात नहीं होती,
आम और जमीन ने भी बहुत तलाशा बचपन को,
कागज की कश्ती लेकर भी अब बरसात नहीं होती।

मुझे भाता है हर पल ही तुम्हारे साथ का मौसममुझे भाता है हर पल ही तुम्हारे साथ का मौसम,
कभी ये धूप गरमी की कभी बरसात का मौसम।
हैं तेरे संग जो बीती सभी शामें हसीं बीती,
मुझे अब याद आता है, वो मिठी बात का मौसम।

बरसात की भीगी रातों में फिर कोई सुहानी याद आईबरसात की भीगी रातों में फिर कोई सुहानी याद आई,
कुछ अपना जमाना याद आया कुछ उनकी जवानी याद आई,
हम भूल चुके थे जिसने हमें दुनिया में अकेला छोर दिया,
जब गौर किया तो एक सूरत जानी पहचानी याद आई।

ये बरसात आज मुझसे कुछ कह गयीये बरसात आज मुझसे कुछ कह गयी,
आज फिर मेरी बाँहों में उसकी कमी रह गयी,
एक पल के लिए उसे छुआ मैंने,
और आज फिर उसकी याद बारिश में
पानी की तरह बह गयी।

कुछ नशा तेरी बात का हैकुछ नशा तेरी बात का है,
कुछ नशा धीमी बरसात का है,
हमे तुम यूँही पागल मत समझो,
यह दिल पर असर पहली मुलाकात का है।

अब ना तुम साथ हो बस एक यादों की बरसात होअब ना तुम साथ हो, बस एक यादों की बरसात हो,
जो बस भिगाये ये मनन मेरा, चाहे शाम हो या सवेरा।

बरसात का भी मौसम होता हैबरसात का भी मौसम होता है,
बेमौसम यह भी अच्छी नही लगती।

ये जो बरसात पड़ रही है इसमें भी कोई बात हैये जो बरसात पड़ रही है इसमें भी कोई बात है,
लगता है आज फिर किसी का दिल टुटा है।

कभी मेरी उलझनों के हल दे जाती हैकभी मेरी उलझनों के हल दे जाती है।
दिल में सुकून भर जाती है, ये बरसात ही तो है।

तुझसे की हुई हर बात याद आती हैतुझसे की हुई हर बात याद आती है,
वीराने और महफ़िल की मुलाकात याद आती है,
खिलते सूरज का दिल चांदनी रात याद आती है,
सर्दियों की फिजा और मौसम की बरसात याद आती है।

बरसात की रात में मत करो शैतानीबरसात की रात में मत करो शैतानी,
मौका मिला है तो क्या करोगे अपनी मनमानी,
बातें करने को बुलाया था तुमने तो आज मुझे,
अब मत करो तुम अपने इरादों से बेईमानी।

टूट पड़ती थीं घटाएँ जिन की आँखें देख करटूट पड़ती थीं घटाएँ जिन की आँखें देख कर,
वो भरी बरसात में तरसे हैं पानी के लिए।

जब आता है ये बरसात का मौसमजब आता है ये बरसात का मौसम,
तेरी याद होती है साथ हम दम,
इस मौसम में नहीं करेंगे याद तुझे ये सोचा है हमने,
पर फिर सोचा कैसे बारिश को रोक पायेंगे हम।


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