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Home Barsaat Shayari Barsaat Shayari in Hindi - बरसात शायरी इन हिंदी

ये जून का महीना और बे-मौसम बरसात

ये जून का महीना और बे-मौसम बरसातये जून का महीना और बे-मौसम बरसात,
तुम पास होते तो एक कप चाय पीते।

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मुझे भाता है हर पल ही तुम्हारे साथ का मौसममुझे भाता है हर पल ही तुम्हारे साथ का मौसम,
कभी ये धूप गरमी की कभी बरसात का मौसम।
हैं तेरे संग जो बीती सभी शामें हसीं बीती,
मुझे अब याद आता है, वो मिठी बात का मौसम।

अब भी बरसात की रातों में बदन टूटता हैअब भी बरसात की रातों में बदन टूटता है,
जाग उठती हैं अजब ख़्वाहिशें अंगड़ाईयों की।

कितनी जल्दी से मुलाकात गुजर जाती हैकितनी जल्दी से मुलाकात गुजर जाती है,
प्यास बुझती नही बरसात गुजर जाती है,
अपनी यादों से कहो की यूँ ना सताया करे,
नींद आती नही और रात गुजर जाती है।

इस भीगे भीगे मौसम में थी आस तुम्हारे आने कीइस भीगे भीगे मौसम में थी आस तुम्हारे आने की,
तुमको अगर फुर्सत ही नहीं तो आग लगे बरसातों को।

रात आयी बरसात भी लायी उसकी याद भी साथ लाईरात आयी बरसात भी लायी,
उसकी याद भी साथ लाई,
रात गई बरसात भी गयी,
पर उसकी याद नही गई।

कभी मेरी उलझनों के हल दे जाती हैकभी मेरी उलझनों के हल दे जाती है।
दिल में सुकून भर जाती है, ये बरसात ही तो है।

ये जून का महीना और बे-मौसम बरसातये जून का महीना और बे-मौसम बरसात,
तुम पास होते तो एक कप चाय पीते।

जब आता है ये बरसात का मौसमजब आता है ये बरसात का मौसम,
तेरी याद होती है साथ हम दम,
इस मौसम में नहीं करेंगे याद तुझे ये सोचा है हमने,
पर फिर सोचा कैसे बारिश को रोक पायेंगे हम।

बरसात हुई और चुपके से कानो में कह गयीबरसात हुई और चुपके से कानो में कह गयी,
गर्मी किसी की भी हो हमेशा नही रहती।

देखा बिन मौसम बरसात आई हैदेखा बिन मौसम बरसात आई है,
बड़ी खुशनुमा शाम साथ लाई है।

सोचा था किसी सुबह मिलेंगे पर रात ही नहीं हुईसोचा था किसी सुबह मिलेंगे पर रात ही नहीं हुई,
कहा तो बहुत बादलों से मैंने पर बरसात ही नहीं हुई,
तूने चाहे भुलक्कड़ ही समझ रक्खा हो हमें,
पर तुझे भुलाने जैसी यहाँ से बात ही नहीं हुई।

दूर तक छाए थे बादल और कहीं साया न थादूर तक छाए थे बादल और कहीं साया न था,
इस तरह बरसात का मौसम कभी आया न था।

इस बरसात में हम भीग जायेंगेइस बरसात में हम भीग जायेंगे,
दिल में तमन्ना के फूल खिल जायेंगे,
अगर दिल करे मिलने को तो याद करना,
हम बरसात बनकर बरस जायेंगे।

ये बरसात आज मुझसे कुछ कह गयीये बरसात आज मुझसे कुछ कह गयी,
आज फिर मेरी बाँहों में उसकी कमी रह गयी,
एक पल के लिए उसे छुआ मैंने,
और आज फिर उसकी याद बारिश में
पानी की तरह बह गयी।

आशिक तो आँखों की बात समझ लेते हैंआशिक तो आँखों की बात समझ लेते हैं,
सपनो में मिल जाये तो मुलाकात समझ लेते हैं,
रोता तो आसमान भी है अपने बिछड़े प्यार के लिए,
पर लोग उसे बरसात समझ लेते हैं।

टूट पड़ती थीं घटाएँ जिन की आँखें देख करटूट पड़ती थीं घटाएँ जिन की आँखें देख कर,
वो भरी बरसात में तरसे हैं पानी के लिए।

ये तो महज़ एक छोटी सी शुरुआत हैये तो महज़ एक छोटी सी शुरुआत है,
अभी तो बाकी पूरी बरसात है,
ऐसे सोता हूं सोना मालूम नहीं पड़ता,
मुझे मेरा ही होना मालूम नहीं पड़ता।

पन्नें उलटे उम्र के पलट गयी बरसातपन्नें उलटे उम्र के, पलट गयी बरसात,
आँखों आँखों में कटी, कल की भीगी रात।

तुझसे की हुई हर बात याद आती हैतुझसे की हुई हर बात याद आती है,
वीराने और महफ़िल की मुलाकात याद आती है,
खिलते सूरज का दिल चांदनी रात याद आती है,
सर्दियों की फिजा और मौसम की बरसात याद आती है।

चांद को मामा बताए अब वो रात नहीं होतीचांद को मामा बताए अब वो रात नहीं होती,
सावन के झूलों से अब सखियों कि बात नहीं होती,
आम और जमीन ने भी बहुत तलाशा बचपन को,
कागज की कश्ती लेकर भी अब बरसात नहीं होती।


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