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Home Barsaat Shayari Barsaat Shayari in Hindi - बरसात शायरी इन हिंदी

वो मेरे रु-ब-रु आया भी तो बरसात के मौसम में

वो मेरे रु-ब-रु आया भी तो बरसात के मौसम मेंवो मेरे रु-ब-रु आया भी तो बरसात के मौसम में,
मेरे आँसू बह रहे थे और वो बरसात समझ बैठा।

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ये बरसात ही तो है जो मेरे गमो को बांट लेती हैये बरसात ही तो है जो मेरे गमो को बांट लेती है,
ये बूंदे कभी हल्के हल्के कभी तेजी से गिरती है,
यू लगता है मेरे जज़्बात बहा ले जाती है,
कभी जीने की नई उमीद दे जाती है।

तेरे जाने के बाद फिर बरसात हुईतेरे जाने के बाद फिर बरसात हुई,
कौन जाने कब दिन निकला, कब रात हुई,
हम टकटकी लगाये बैठे थे तेरी आहट पे,
आसमाँ साथ में रोया, ये क्या बात हुई,

बादल गरज उठे हैं लगता है कयामत आने वाली हैबादल गरज उठे हैं लगता है कयामत आने वाली है,
बड़े जोर से मोहब्बत की बरसात आने वाली है,
वो जो इश्क़ के खिलाफ़ रहते हैं वो दरवाजे बन्द रखें,
उनके घर भी बारिश के बूंदों की बारात आने वाली है।

दूर तक छाए थे बादल और कहीं साया न थादूर तक छाए थे बादल और कहीं साया न था,
इस तरह बरसात का मौसम कभी आया न था।

जब जब आता है यह बरसात का मौसमजब जब आता है यह बरसात का मौसम,
तेरी याद होती है साथ हरदम,
इस मौसम में नहीं करेंगे याद तुझे यह सोचा है हमने,
पर फिर सोचा की बारिश को कैसे रोक पाएंगे हम।

बरसात भी अब साहूकार सी हुईबरसात भी अब साहूकार सी हुई,
जब देखो तब आसूंओं से ब्याज लेती है।

बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जानेबरसात का बादल तो दीवाना है क्या जाने,
किस राह से बचना है किस छत को भिगोना है।

सोचा था किसी सुबह मिलेंगे पर रात ही नहीं हुईसोचा था किसी सुबह मिलेंगे पर रात ही नहीं हुई,
कहा तो बहुत बादलों से मैंने पर बरसात ही नहीं हुई,
तूने चाहे भुलक्कड़ ही समझ रक्खा हो हमें,
पर तुझे भुलाने जैसी यहाँ से बात ही नहीं हुई।

भीगी सी याद भुली हुई बातभीगी सी याद भुली हुई बात,
भुला हुआ वक्त वो भीगी सी आँखें,
वो बीता हुआ साथ,
मुबारक हो आपको साल की पहली बरसात।

बरसात की एक शाम अभी तक खिड़की पे बैठी है मेरीबरसात की एक शाम,
अभी तक खिड़की पे बैठी है मेरी,
तू आये तो साथ आफ़ताब ले आना।

चांद को मामा बताए अब वो रात नहीं होतीचांद को मामा बताए अब वो रात नहीं होती,
सावन के झूलों से अब सखियों कि बात नहीं होती,
आम और जमीन ने भी बहुत तलाशा बचपन को,
कागज की कश्ती लेकर भी अब बरसात नहीं होती।

अब भी बरसात की रातों में बदन टूटता हैअब भी बरसात की रातों में बदन टूटता है,
जाग उठती हैं अजब ख़्वाहिशें अंगड़ाईयों की।

ये बरसात आज मुझसे कुछ कह गयीये बरसात आज मुझसे कुछ कह गयी,
आज फिर मेरी बाँहों में उसकी कमी रह गयी,
एक पल के लिए उसे छुआ मैंने,
और आज फिर उसकी याद बारिश में
पानी की तरह बह गयी।

बरसात हुई और चुपके से कानो में कह गयीबरसात हुई और चुपके से कानो में कह गयी,
गर्मी किसी की भी हो हमेशा नही रहती।

कितनी जल्दी से मुलाकात गुजर जाती हैकितनी जल्दी से मुलाकात गुजर जाती है,
प्यास बुझती नही बरसात गुजर जाती है,
अपनी यादों से कहो की यूँ ना सताया करे,
नींद आती नही और रात गुजर जाती है।

इस बरसात में हम भीग जायेंगेइस बरसात में हम भीग जायेंगे,
दिल में तमन्ना के फूल खिल जायेंगे,
अगर दिल करे मिलने को तो याद करना,
हम बरसात बनकर बरस जायेंगे।

टूट पड़ती थीं घटाएँ जिन की आँखें देख करटूट पड़ती थीं घटाएँ जिन की आँखें देख कर,
वो भरी बरसात में तरसे हैं पानी के लिए।

मौसम बरसात का आया बहुत खुशियां साथ लायामौसम बरसात का आया,
बहुत खुशियां साथ लाया,
मुस्कान चेहरे पर सबकी,
साथ अपने बहुत सौगात लाया।

न जाने क्यू अभी आपकी याद आ गयीन जाने क्यू अभी आपकी याद आ गयी,
मौसम क्या बदला बरसात भी आ गयी,
मैंने छुकर देखा बूंदों को तो, हर बूंद में
आपकी तस्वीर नज़र आ गयी ।

मुझे भाता है हर पल ही तुम्हारे साथ का मौसममुझे भाता है हर पल ही तुम्हारे साथ का मौसम,
कभी ये धूप गरमी की कभी बरसात का मौसम।
हैं तेरे संग जो बीती सभी शामें हसीं बीती,
मुझे अब याद आता है, वो मिठी बात का मौसम।


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