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बरसात का मज़ा तेरे गेसू दिखा गए

बरसात का मज़ा तेरे गेसू दिखा गएबरसात का मज़ा तेरे गेसू दिखा गए,
अक्स आसमान पर जो पड़ा अब्र छा गए।

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बरसात का मज़ा तेरे गेसू दिखा गएबरसात का मज़ा तेरे गेसू दिखा गए,
अक्स आसमान पर जो पड़ा अब्र छा गए।

कुछ नशा तेरी बात का हैकुछ नशा तेरी बात का है,
कुछ नशा धीमी बरसात का है,
हमे तुम यूँही पागल मत समझो,
यह दिल पर असर पहली मुलाकात का है।

बरसात की पहली बूंद हो तुमबरसात की पहली बूंद हो तुम,
बरसात के बाद का सुकून हो तुम,
बरसात के बाद प्यासे को मिला एहसास हो तुम,
गर्मी, जाड़े, पतझड़ और बरसात का,
मिला जुला संगम हो तुम।

ये तो महज़ एक छोटी सी शुरुआत हैये तो महज़ एक छोटी सी शुरुआत है,
अभी तो बाकी पूरी बरसात है,
ऐसे सोता हूं सोना मालूम नहीं पड़ता,
मुझे मेरा ही होना मालूम नहीं पड़ता।

बरसात की रात में मत करो शैतानीबरसात की रात में मत करो शैतानी,
मौका मिला है तो क्या करोगे अपनी मनमानी,
बातें करने को बुलाया था तुमने तो आज मुझे,
अब मत करो तुम अपने इरादों से बेईमानी।

दिन हुआ है तो रात भी होगीदिन हुआ है तो रात भी होगी,
घटा छाई है तो बरसात भी होगी,
बिछड़ने का गम नहीं करना जानम,
जिंदगी रही तो दोबारा मुलाकात भी होगी।

आशिक तो आँखों की बात समझ लेते हैंआशिक तो आँखों की बात समझ लेते हैं,
सपनो में मिल जाये तो मुलाकात समझ लेते हैं,
रोता तो आसमान भी है अपने बिछड़े प्यार के लिए,
पर लोग उसे बरसात समझ लेते हैं।

न जाने क्यू अभी आपकी याद आ गयीन जाने क्यू अभी आपकी याद आ गयी,
मौसम क्या बदला बरसात भी आ गयी,
मैंने छुकर देखा बूंदों को तो, हर बूंद में
आपकी तस्वीर नज़र आ गयी ।

ये बरसात की बुंदे बहुत कुछ कह जाती हैये बरसात की बुंदे बहुत कुछ कह जाती है,
पल दो पल मे ये बंद भी हो जाती है|

बरसात की एक शाम अभी तक खिड़की पे बैठी है मेरीबरसात की एक शाम,
अभी तक खिड़की पे बैठी है मेरी,
तू आये तो साथ आफ़ताब ले आना।

मौसम बरसात का आया बहुत खुशियां साथ लायामौसम बरसात का आया,
बहुत खुशियां साथ लाया,
मुस्कान चेहरे पर सबकी,
साथ अपने बहुत सौगात लाया।

ये जून का महीना और बे-मौसम बरसातये जून का महीना और बे-मौसम बरसात,
तुम पास होते तो एक कप चाय पीते।

ये बरसात ही तो है जो मेरे गमो को बांट लेती हैये बरसात ही तो है जो मेरे गमो को बांट लेती है,
ये बूंदे कभी हल्के हल्के कभी तेजी से गिरती है,
यू लगता है मेरे जज़्बात बहा ले जाती है,
कभी जीने की नई उमीद दे जाती है।

हैं इस हवा में क्या क्या बरसात की बहारेंहैं इस हवा में क्या क्या, बरसात की बहारें,
सब्ज़ों की लहलहाहट, बाग़ात की बहारें।

बिन मौसम बरसात आती है मेरी बदनसीबी साथ लाती हैबिन मौसम बरसात आती है,
मेरी बदनसीबी साथ लाती है,
पतझड़ हो या मौसम बहार का,
हर घड़ी मुझे उसकी याद आती है।

कभी मेरी उलझनों के हल दे जाती हैकभी मेरी उलझनों के हल दे जाती है।
दिल में सुकून भर जाती है, ये बरसात ही तो है।

तेरे जाने के बाद फिर बरसात हुईतेरे जाने के बाद फिर बरसात हुई,
कौन जाने कब दिन निकला, कब रात हुई,
हम टकटकी लगाये बैठे थे तेरी आहट पे,
आसमाँ साथ में रोया, ये क्या बात हुई,

कुछ तो चाहत रही होगी ईन बरसात की बुंदों कि भीकुछ तो चाहत रही होगी,
ईन बरसात की बुंदों कि भी,
वरना कोन गिरता है जमीन पर,
आसमान तक पहुँचने के बाद।

वो मेरे रु-ब-रु आया भी तो बरसात के मौसम मेंवो मेरे रु-ब-रु आया भी तो बरसात के मौसम में,
मेरे आँसू बह रहे थे और वो बरसात समझ बैठा।

बरसात की भीगी रातों में फिर कोई सुहानी याद आईबरसात की भीगी रातों में फिर कोई सुहानी याद आई,
कुछ अपना जमाना याद आया कुछ उनकी जवानी याद आई,
हम भूल चुके थे जिसने हमें दुनिया में अकेला छोर दिया,
जब गौर किया तो एक सूरत जानी पहचानी याद आई।


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