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Home Barsaat Shayari Barsaat Shayari in Hindi - बरसात शायरी इन हिंदी

एक तो ये रात उफ़ ये बरसात

एक तो ये रात उफ़ ये बरसातएक तो ये रात, उफ़ ये बरसात,
इक तो साथ नही तेरा, उफ़ ये दर्द बेहिसाब
कितनी अजीब सी है बात,
मेरे ही बस में नही मेरे ये हालात।

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ये जून का महीना और बे-मौसम बरसातये जून का महीना और बे-मौसम बरसात,
तुम पास होते तो एक कप चाय पीते।

बिन मौसम बरसात आती है मेरी बदनसीबी साथ लाती हैबिन मौसम बरसात आती है,
मेरी बदनसीबी साथ लाती है,
पतझड़ हो या मौसम बहार का,
हर घड़ी मुझे उसकी याद आती है।

अब भी बरसात की रातों में बदन टूटता हैअब भी बरसात की रातों में बदन टूटता है,
जाग उठती हैं अजब ख़्वाहिशें अंगड़ाईयों की।

टूट पड़ती थीं घटाएँ जिन की आँखें देख करटूट पड़ती थीं घटाएँ जिन की आँखें देख कर,
वो भरी बरसात में तरसे हैं पानी के लिए।

इस भीगे भीगे मौसम में थी आस तुम्हारे आने कीइस भीगे भीगे मौसम में थी आस तुम्हारे आने की,
तुमको अगर फुर्सत ही नहीं तो आग लगे बरसातों को।

कुछ नशा तेरी बात का हैकुछ नशा तेरी बात का है,
कुछ नशा धीमी बरसात का है,
हमे तुम यूँही पागल मत समझो,
यह दिल पर असर पहली मुलाकात का है।

बरसात भी अब साहूकार सी हुईबरसात भी अब साहूकार सी हुई,
जब देखो तब आसूंओं से ब्याज लेती है।

कभी मेरी उलझनों के हल दे जाती हैकभी मेरी उलझनों के हल दे जाती है।
दिल में सुकून भर जाती है, ये बरसात ही तो है।

वो मेरे रु-ब-रु आया भी तो बरसात के मौसम मेंवो मेरे रु-ब-रु आया भी तो बरसात के मौसम में,
मेरे आँसू बह रहे थे और वो बरसात समझ बैठा।

न जाने क्यू अभी आपकी याद आ गयीन जाने क्यू अभी आपकी याद आ गयी,
मौसम क्या बदला बरसात भी आ गयी,
मैंने छुकर देखा बूंदों को तो, हर बूंद में
आपकी तस्वीर नज़र आ गयी ।

ये बरसात की बूंदे तुम्हे भी तो भिगाती होंगीये बरसात की बूंदे तुम्हे भी तो भिगाती होंगी,
फिर शायद याद तुम्हे भी मेरी आती होंगी।

कुछ तो चाहत रही होगी ईन बरसात की बुंदों कि भीकुछ तो चाहत रही होगी,
ईन बरसात की बुंदों कि भी,
वरना कोन गिरता है जमीन पर,
आसमान तक पहुँचने के बाद।

ये बरसात की बुंदे बहुत कुछ कह जाती हैये बरसात की बुंदे बहुत कुछ कह जाती है,
पल दो पल मे ये बंद भी हो जाती है|

सोचा था किसी सुबह मिलेंगे पर रात ही नहीं हुईसोचा था किसी सुबह मिलेंगे पर रात ही नहीं हुई,
कहा तो बहुत बादलों से मैंने पर बरसात ही नहीं हुई,
तूने चाहे भुलक्कड़ ही समझ रक्खा हो हमें,
पर तुझे भुलाने जैसी यहाँ से बात ही नहीं हुई।

अब ना तुम साथ हो बस एक यादों की बरसात होअब ना तुम साथ हो, बस एक यादों की बरसात हो,
जो बस भिगाये ये मनन मेरा, चाहे शाम हो या सवेरा।

ये बरसात आज मुझसे कुछ कह गयीये बरसात आज मुझसे कुछ कह गयी,
आज फिर मेरी बाँहों में उसकी कमी रह गयी,
एक पल के लिए उसे छुआ मैंने,
और आज फिर उसकी याद बारिश में
पानी की तरह बह गयी।

दूर तक छाए थे बादल और कहीं साया न थादूर तक छाए थे बादल और कहीं साया न था,
इस तरह बरसात का मौसम कभी आया न था।

मौसम बरसात का आया बहुत खुशियां साथ लायामौसम बरसात का आया,
बहुत खुशियां साथ लाया,
मुस्कान चेहरे पर सबकी,
साथ अपने बहुत सौगात लाया।

हैं इस हवा में क्या क्या बरसात की बहारेंहैं इस हवा में क्या क्या, बरसात की बहारें,
सब्ज़ों की लहलहाहट, बाग़ात की बहारें।

चांद को मामा बताए अब वो रात नहीं होतीचांद को मामा बताए अब वो रात नहीं होती,
सावन के झूलों से अब सखियों कि बात नहीं होती,
आम और जमीन ने भी बहुत तलाशा बचपन को,
कागज की कश्ती लेकर भी अब बरसात नहीं होती।


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