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Home Barsaat Shayari Barsaat Shayari in Hindi - बरसात शायरी इन हिंदी

ये बरसात की बुंदे बहुत कुछ कह जाती है

ये बरसात की बुंदे बहुत कुछ कह जाती हैये बरसात की बुंदे बहुत कुछ कह जाती है,
पल दो पल मे ये बंद भी हो जाती है|

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बरसात की पहली बूंद हो तुमबरसात की पहली बूंद हो तुम,
बरसात के बाद का सुकून हो तुम,
बरसात के बाद प्यासे को मिला एहसास हो तुम,
गर्मी, जाड़े, पतझड़ और बरसात का,
मिला जुला संगम हो तुम।

ये बरसात ही तो है जो मेरे गमो को बांट लेती हैये बरसात ही तो है जो मेरे गमो को बांट लेती है,
ये बूंदे कभी हल्के हल्के कभी तेजी से गिरती है,
यू लगता है मेरे जज़्बात बहा ले जाती है,
कभी जीने की नई उमीद दे जाती है।

ये बरसात की बुंदे बहुत कुछ कह जाती हैये बरसात की बुंदे बहुत कुछ कह जाती है,
पल दो पल मे ये बंद भी हो जाती है|

न जाने क्यू अभी आपकी याद आ गयीन जाने क्यू अभी आपकी याद आ गयी,
मौसम क्या बदला बरसात भी आ गयी,
मैंने छुकर देखा बूंदों को तो, हर बूंद में
आपकी तस्वीर नज़र आ गयी ।

मौसम बरसात का आया बहुत खुशियां साथ लायामौसम बरसात का आया,
बहुत खुशियां साथ लाया,
मुस्कान चेहरे पर सबकी,
साथ अपने बहुत सौगात लाया।

इस भीगे भीगे मौसम में थी आस तुम्हारे आने कीइस भीगे भीगे मौसम में थी आस तुम्हारे आने की,
तुमको अगर फुर्सत ही नहीं तो आग लगे बरसातों को।

बरसात हुई और चुपके से कानो में कह गयीबरसात हुई और चुपके से कानो में कह गयी,
गर्मी किसी की भी हो हमेशा नही रहती।

वो मेरे रु-ब-रु आया भी तो बरसात के मौसम मेंवो मेरे रु-ब-रु आया भी तो बरसात के मौसम में,
मेरे आँसू बह रहे थे और वो बरसात समझ बैठा।

दिन हुआ है तो रात भी होगीदिन हुआ है तो रात भी होगी,
घटा छाई है तो बरसात भी होगी,
बिछड़ने का गम नहीं करना जानम,
जिंदगी रही तो दोबारा मुलाकात भी होगी।

ये जून का महीना और बे-मौसम बरसातये जून का महीना और बे-मौसम बरसात,
तुम पास होते तो एक कप चाय पीते।

जब जब आता है यह बरसात का मौसमजब जब आता है यह बरसात का मौसम,
तेरी याद होती है साथ हरदम,
इस मौसम में नहीं करेंगे याद तुझे यह सोचा है हमने,
पर फिर सोचा की बारिश को कैसे रोक पाएंगे हम।

एक तो ये रात उफ़ ये बरसातएक तो ये रात, उफ़ ये बरसात,
इक तो साथ नही तेरा, उफ़ ये दर्द बेहिसाब
कितनी अजीब सी है बात,
मेरे ही बस में नही मेरे ये हालात।

भीगी सी याद भुली हुई बातभीगी सी याद भुली हुई बात,
भुला हुआ वक्त वो भीगी सी आँखें,
वो बीता हुआ साथ,
मुबारक हो आपको साल की पहली बरसात।

तेरे जाने के बाद फिर बरसात हुईतेरे जाने के बाद फिर बरसात हुई,
कौन जाने कब दिन निकला, कब रात हुई,
हम टकटकी लगाये बैठे थे तेरी आहट पे,
आसमाँ साथ में रोया, ये क्या बात हुई,

बरसात भी अब साहूकार सी हुईबरसात भी अब साहूकार सी हुई,
जब देखो तब आसूंओं से ब्याज लेती है।

ये तो महज़ एक छोटी सी शुरुआत हैये तो महज़ एक छोटी सी शुरुआत है,
अभी तो बाकी पूरी बरसात है,
ऐसे सोता हूं सोना मालूम नहीं पड़ता,
मुझे मेरा ही होना मालूम नहीं पड़ता।

टूट पड़ती थीं घटाएँ जिन की आँखें देख करटूट पड़ती थीं घटाएँ जिन की आँखें देख कर,
वो भरी बरसात में तरसे हैं पानी के लिए।

बरसात के दिनों में बादल छा जाता हैबरसात के दिनों में बादल छा जाता है,
मेहबूबा याद आती है बड़ा प्यार आता है,
कैसे काबू करें अब अपने एहसासों को हम,
दर्द दिल का फिर आंसुओं में नजर आता है।

कभी मेरी उलझनों के हल दे जाती हैकभी मेरी उलझनों के हल दे जाती है।
दिल में सुकून भर जाती है, ये बरसात ही तो है।

बरसात की एक शाम अभी तक खिड़की पे बैठी है मेरीबरसात की एक शाम,
अभी तक खिड़की पे बैठी है मेरी,
तू आये तो साथ आफ़ताब ले आना।


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