आंसुओ तले मेरे सारे अरमान बह गये,
जिनसे उम्मीद लगाए थे वही बेवफा हो गये,
थी हमे जिन चिरागो से उजाले की चाह,
वो चिराग ना जाने किन अंधेरो में खो गये।
जनाजा मेरा उठ रहा था,
फिर भी तकलीफ थी उसे आने में,
बेवफा घर में बैठी पूछ रही थी,
और कितनी देर है दफनाने में।
हमदम तो ता उम्र साथ चलते हैं,
राहें तो बेवफ़ा बदलते हैं,
आपका चेहरा है जब से मेरे दिल में,
जाने क्यों लोग मेरे दिल से जलते हैं।
न पूछ मेरे सब्र की इन्तहां कहाँ तक है,
तू सितम कर ले तेरी हसरत जहाँ तक है,
वफ़ा की उम्मीद जिन्हें होगी उन्हें होगी,
हमे तो देखना है तू बेवफा कहाँ तक है।
कैसी अजीब तुझसे यह जुदाई थी,
कि तुझे अलविदा भी ना कह सका,
तेरी सादगी में इतना फरेब था,
कि तुझे बेवफा भी ना कह सका।
मुझे उसके आँचल का आशियाना न मिला,
उसकी ज़ुल्फ़ों की छाँव का ठिकाना न मिला,
कह दिया उसने मुझको ही बेवफा,
मुझे छोड़ने के लिए कोई बहाना न मिला।
फ़र्ज़ था जो मेरा निभा दिया मैंने,
उसने माँगा वो सब दे दिया मैंने,
वो सुनके गैरों की बातें बेवफ़ा हो गयी,
समझ के ख्वाब उसको आखिर भुला दिया मैंने।
किस-किस को तू खुदा बनाएगी,
किस-किस की तू हसरतें मिटाएगी,
कितने ही परदे डाल ले गुनाहों पे,
बेवफा तू बेवफा ही नजर आएगी।
वफ़ा के नाम से वो अनजान थे,
किसी की बेवफाई से शायद परेशान थे,
हमने वफ़ा देनी चाही तो पता चला,
हम खुद बेवफा के नाम से बदनाम थे।
आज हम उनको बेवफा बताकर आए हैं,
उनके खतो को पानी में बहाकर आए हैं,
कोई निकाल न ले उन्हें पानी से,
इस लिए पानी में भी आग लगा कर आए हैं।