आंसुओ तले मेरे सारे अरमान बह गये,
जिनसे उम्मीद लगाए थे वही बेवफा हो गये,
थी हमे जिन चिरागो से उजाले की चाह,
वो चिराग ना जाने किन अंधेरो में खो गये।
कसम दी थी उसने कभी न रोने की मुझे,
यही वजह है कि आज भी मुस्कुराता हूँ।
हर काम किया मैंने उसकी खुशी के लिए,
तब भी जाने क्यों बेवफा कहलाता हूँ।
कैसी अजीब तुझसे यह जुदाई थी,
कि तुझे अलविदा भी ना कह सका,
तेरी सादगी में इतना फरेब था,
कि तुझे बेवफा भी ना कह सका।
एक बेवफा से प्यार का अंजाम देख लो,
मैं खुद ही शर्मशार हूँ उससे गिला नहीं,
अब कह रहे हैं मेरे जनाज़े पे बैठ कर,
यूँ चुप हो जैसे हमसे कोई वास्ता नहीं।
कहाँ से लाऊं वो शब्द जो तेरी तारीफ के क़ाबिल हो,
कहाँ से लाऊं वो चाँद जिसमें तेरी ख़ूबसूरती शामिल हो,
ए मेरे बेवफा सनम एक बार बता दे मुझकों,
कहाँ से लाऊं वो किस्मत जिसमें तू बस मुझे हांसिल हो।
मेरे कलम से लफ्ज़ खो गए शायद,
आज वो भी बेवफा हो गाए शायद,
जब नींद खुली तो पलकों में पानी था,
मेरे ख्वाब मुझपे रो गाए शायद।
बेवफा से दिल लगा लिया नादान थे हम,
गलती हमसे हुई क्योंकि इंसान थे हम,
आज जिन्हें नज़रें मिलाने में तकलीफ होती है,
कुछ समय पहले उनकी जान थे हम।
जल-जल के दिल मेरा जलन से जल रहा,
एक अश्क मेरे आँख में मुद्दत से पल रहा,
जिसका मैं कर रहा हूँ घुट-घुट के इंतजार,
वो बेवफा ना आई मेरा दम निकल रहा।
दर्द ही सही मेरे इश्क़ का इनाम तो आया,
खाली ही सही होठों तक जाम तो आया,
मैं हूँ बेवफा सबको बताया उसने,
यूँ ही सही चलो उसके लबों पर मेरा नाम तो आया।
जो हुकुम करता है, वो इल्तज़ा भी करता है,
आसमान कही झुका भी करता है,
और तू बेवफा है तो ये खबर भी सुन ले,
इन्तज़ार मेरा कोई वहा भी करता है।
आप बेवफा होंगे कभी सोचा ही नहीं था,
आप कभी खफा होंगे सोचा ही नहीं था,
जो गीत लिखे हमने कभी तेरे प्यार पर तेरे,
वही गीत रुशवा होंगे सोचा ही नहीं था।
वफ़ा के नाम से वो अनजान थे,
किसी की बेवफाई से शायद परेशान थे,
हमने वफ़ा देनी चाही तो पता चला,
हम खुद बेवफा के नाम से बदनाम थे।
मेरा इल्ज़ाम है तुझ पर कि तू बेवफा था,
दोष तो तेरा था मगर तू हमेशा ही खफा था,
ज़िन्दगी की इस किताब में बयान है तेरी मेरी कहानी,
यादों से सराबोर उसका एक एक सफा था।
मोहब्बत से रिहा होना ज़रूरी हो गया है,
मेरा तुझसे जुदा होना ज़रूरी हो गया है,
वफ़ा के तजुर्बे करते हुए तो उम्र गुजरी,
ज़रा सा बेवफा होना ज़रूरी हो गया है।
शायद हम ही बेवफा थे कि,
झटके से उनके दिल से निकल गए,
उनकी वफा तो देखिये कि,
अब तक दिल में घर किए बैठे हैं।
फ़र्ज़ था जो मेरा निभा दिया मैंने,
उसने माँगा वो सब दे दिया मैंने,
वो सुनके गैरों की बातें बेवफ़ा हो गयी,
समझ के ख्वाब उसको आखिर भुला दिया मैंने।
ये बेवफा सनम वफा की कीमत क्या जाने,
है बेवफा गम-ऐ मोहब्बत क्या जाने,
जिन्हे मिलता है हर मोड़ पर नया हमसफर,
वो भला प्यार की कीमत क्या जाने।
दो दिलों की धड़कनों में एक साज़ होता है,
सबको अपनी-अपनी मोहब्बत पर नाज़ होता है,
उसमें से हर एक बेवफा नहीं होता,
उसकी बेवफ़ाई के पीछे भी कोई राज होता है।
आज हम उनको बेवफा बताकर आए हैं,
उनके खतो को पानी में बहाकर आए हैं,
कोई निकाल न ले उन्हें पानी से,
इस लिए पानी में भी आग लगा कर आए हैं।
जो हुकुम करता है, वो इल्तज़ा भी करता है,
आसमान कही झुका भी करता है,
और तू बेवफा है तो ये खबर भी सुन ले,
इन्तेज़ार मेरा कोई वहा भी करता है।