मेरे कलम से लफ्ज़ खो गए शायद,
आज वो भी बेवफा हो गाए शायद,
जब नींद खुली तो पलकों में पानी था,
मेरे ख्वाब मुझपे रो गाए शायद।
मजबूरी में जब कोई जुदा होता है,
जरुरी नहीं की वो बेवफा होता है,
दे कर वो आपकी आँखों में आँसू,
अकेले में आपसे भी ज्यादा रोता है।
टूटे हुए दिल ने भी उसके लिए दुआ मांगी,
मेरी साँसों ने हर पल उसकी ख़ुशी मांगी,
न जाने कैसी दिल्लगी थी उस बेवफा से,
कि मैंने आखिरी ख्वाहिश में भी उसकी वफ़ा मांगी।
दर्द ही सही मेरे इश्क़ का इनाम तो आया,
खाली ही सही होठों तक जाम तो आया,
मैं हूँ बेवफा सबको बताया उसने,
यूँ ही सही चलो उसके लबों पर मेरा नाम तो आया।
कैसी अजीब तुझसे यह जुदाई थी,
कि तुझे अलविदा भी ना कह सका,
तेरी सादगी में इतना फरेब था,
कि तुझे बेवफा भी ना कह सका।
मेरा इल्ज़ाम है तुझ पर कि तू बेवफा था,
दोष तो तेरा था मगर तू हमेशा ही खफा था,
ज़िन्दगी की इस किताब में बयान है तेरी मेरी कहानी,
यादों से सराबोर उसका एक एक सफा था।
नज़र नज़र से मिलेगी तो सर झुका लेंगे,
वो बेवफा है मेरा इम्तहान क्या लेगा,
उसे चिराग जलाने को मत कह देना,
वो ना समझ है कहीं उँगलियाँ जला लेगा।
आप बेवफा होंगे कभी सोचा ही नहीं था,
आप कभी खफा होंगे सोचा ही नहीं था,
जो गीत लिखे हमने कभी तेरे प्यार पर तेरे,
वही गीत रुशवा होंगे सोचा ही नहीं था।
आज हम उनको बेवफा बताकर आए हैं,
उनके खतो को पानी में बहाकर आए हैं,
कोई निकाल न ले उन्हें पानी से,
इस लिए पानी में भी आग लगा कर आए हैं।
आपकी नशीली यादों में डूबकर,
हमने इश्क की गहराई को समझा,
आप तो दे रहे थे धोखा और,
हमने जानकर भी कभी आपको बेवफा न समझा।
हमदम तो ता उम्र साथ चलते हैं,
राहें तो बेवफ़ा बदलते हैं,
आपका चेहरा है जब से मेरे दिल में,
जाने क्यों लोग मेरे दिल से जलते हैं।
शायद हम ही बेवफा थे कि,
झटके से उनके दिल से निकल गए,
उनकी वफा तो देखिये कि,
अब तक दिल में घर किए बैठे हैं।
वो पानी की लहरों पे क्या लिख रहा था,
खुदा जाने हरफ-ऐ-दुआ लिख रहा था,
महोब्बत में मिली थी बेवफाई उसे भी शायद,
इसलिए हर शख्स को शायद बेवफा लिख रहा था।
बेवफा तो वो खुद हैं,
पर इल्ज़ाम किसी और को देते हैं,
पहले नाम था मेरा उनके लबों पर,
अब वो नाम किसी और का लेते हैं।
फ़र्ज़ था जो मेरा निभा दिया मैंने,
उसने माँगा वो सब दे दिया मैंने,
वो सुनके गैरों की बातें बेवफ़ा हो गयी,
समझ के ख्वाब उसको आखिर भुला दिया मैंने।
कहाँ से लाऊं वो शब्द जो तेरी तारीफ के क़ाबिल हो,
कहाँ से लाऊं वो चाँद जिसमें तेरी ख़ूबसूरती शामिल हो,
ए मेरे बेवफा सनम एक बार बता दे मुझकों,
कहाँ से लाऊं वो किस्मत जिसमें तू बस मुझे हांसिल हो।
आग दिल में लगी जब वो खफा हुए,
महसूस हुआ तब, जब वो जुदा हुए,
करके वफ़ा कुछ दे न सके वो हमे,
पर बहुत कुछ दे गए जब वो बेवफा हुए।
वो खुदा था मेरा अब मेरा ईमान है,
चला गया छोड़ कर इसलिए दिल उदास है,
बेवफा नही कहूंगा मैं उसको,
क्यूंकी इश्क़ करना उसका मुझ पर अहसान है।
ये बेवफा सनम वफा की कीमत क्या जाने,
है बेवफा गम-ऐ मोहब्बत क्या जाने,
जिन्हे मिलता है हर मोड़ पर नया हमसफर,
वो भला प्यार की कीमत क्या जाने।
आंसुओ तले मेरे सारे अरमान बह गये,
जिनसे उम्मीद लगाए थे वही बेवफा हो गये,
थी हमे जिन चिरागो से उजाले की चाह,
वो चिराग ना जाने किन अंधेरो में खो गये।