ये बेवफा, वफा की कीमत क्या जाने,
ये बेवफा गम-ए-मोहब्बत क्या जाने,
जिन्हे मिलता है हर मोड पर नया हमसफर,
वो भला प्यार की कीमत क्या जाने।
किसी की खातिर मोहब्बत की इन्तेहाँ कर दो,
लेकिन इतना भी नहीं कि उसको खुदा कर दो,
मत चाहो किसी को टूट कर इस कदर इतना,
कि अपनी वफाओं से उसको बेवफा कर दो।
नज़र नज़र से मिलेगी तो सर झुका लेंगे,
वो बेवफा है मेरा इम्तहान क्या लेगा,
उसे चिराग जलाने को मत कह देना,
वो ना समझ है कहीं उँगलियाँ जला लेगा।
वो पानी की लहरों पे क्या लिख रहा था,
खुदा जाने हरफ-ऐ-दुआ लिख रहा था,
महोब्बत में मिली थी बेवफाई उसे भी शायद,
इसलिए हर शख्स को शायद बेवफा लिख रहा था।
मजबूरी में जब कोई जुदा होता है,
जरुरी नहीं की वो बेवफा होता है,
दे कर वो आपकी आँखों में आँसू,
अकेले में आपसे भी ज्यादा रोता है।
आप बेवफा होंगे कभी सोचा ही नहीं था,
आप कभी खफा होंगे सोचा ही नहीं था,
जो गीत लिखे हमने कभी तेरे प्यार पर तेरे,
वही गीत रुशवा होंगे सोचा ही नहीं था।
मोहब्बत से रिहा होना ज़रूरी हो गया है,
मेरा तुझसे जुदा होना ज़रूरी हो गया है,
वफ़ा के तजुर्बे करते हुए तो उम्र गुजरी,
ज़रा सा बेवफा होना ज़रूरी हो गया है।
मेरा इल्ज़ाम है तुझ पर कि तू बेवफा था,
दोष तो तेरा था मगर तू हमेशा ही खफा था,
ज़िन्दगी की इस किताब में बयान है तेरी मेरी कहानी,
यादों से सराबोर उसका एक एक सफा था।
एक बेवफा से प्यार का अंजाम देख लो,
मैं खुद ही शर्मशार हूँ उससे गिला नहीं,
अब कह रहे हैं मेरे जनाज़े पे बैठ कर,
यूँ चुप हो जैसे हमसे कोई वास्ता नहीं।
कसम दी थी उसने कभी न रोने की मुझे,
यही वजह है कि आज भी मुस्कुराता हूँ।
हर काम किया मैंने उसकी खुशी के लिए,
तब भी जाने क्यों बेवफा कहलाता हूँ।
आपकी नशीली यादों में डूबकर,
हमने इश्क की गहराई को समझा,
आप तो दे रहे थे धोखा और,
हमने जानकर भी कभी आपको बेवफा न समझा।
दर्द ही सही मेरे इश्क़ का इनाम तो आया,
खाली ही सही होठों तक जाम तो आया,
मैं हूँ बेवफा सबको बताया उसने,
यूँ ही सही चलो उसके लबों पर मेरा नाम तो आया।
बेवफा तो वो खुद हैं,
पर इल्ज़ाम किसी और को देते हैं,
पहले नाम था मेरा उनके लबों पर,
अब वो नाम किसी और का लेते हैं।
किस-किस को तू खुदा बनाएगी,
किस-किस की तू हसरतें मिटाएगी,
कितने ही परदे डाल ले गुनाहों पे,
बेवफा तू बेवफा ही नजर आएगी।
यूँ है सबकुछ मेरे पास बस दवा-ए-दिल नही,
दूर वो मुझसे है पर मैं उस से नाराज नहीं,
मालूम है अब भी मोहब्बत करता है वो मुझसे,
वो थोड़ा सा जिद्दी है लेकिन बेवफा नहीं।
आग दिल में लगी जब वो खफा हुए,
महसूस हुआ तब, जब वो जुदा हुए,
करके वफ़ा कुछ दे न सके वो हमे,
पर बहुत कुछ दे गए जब वो बेवफा हुए।
कभी जो हम से प्यार बेशुमार करते थे,
कभी जो हम पर जान निसार करते थे,
भरी महफ़िल में हमको बेवफा कहते हैं,
जो खुद से ज़्यादा हमपर ऐतबार करते थे।
मुझे उसके आँचल का आशियाना न मिला,
उसकी ज़ुल्फ़ों की छाँव का ठिकाना न मिला,
कह दिया उसने मुझको ही बेवफा,
मुझे छोड़ने के लिए कोई बहाना न मिला।
उन्हें एहसास हुआ है इश्क़ का हमें रुलाने के बाद,
अब हम पर प्यार आया है दूर चले जाने के बाद,
क्या बताएं किस कदर बेवफ़ा है यह दुनिया,
यहाँ लोग भूल जाते हैं किसी को दफनाने के बाद।
न पूछ मेरे सब्र की इन्तहां कहाँ तक है,
तू सितम कर ले तेरी हसरत जहाँ तक है,
वफ़ा की उम्मीद जिन्हें होगी उन्हें होगी,
हमे तो देखना है तू बेवफा कहाँ तक है।